कहते है, दिल और दिमाग से यदि भगवान को पाना चाहे तो, उन्हें पा सकते है। Pranav Dhanawade तो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड चाहते थे, जिसे उन्होंने अपने आत्म-विश्वास, दिल और दिमाग से पा लिया। पर यदि आप एक अमीर घराने के सहजादे है तो शायद आपके लिए यह सरल हो। पर यदि एक रिक्शा चलाने वाले का बेटा करे, तो बहुत बड़ी बात है, क्योंकि Record सेट करने से पहले उसे अपनी गरीबी से मिली कठिनाइयों से लड़ना पड़ता है। तब कहीं जाकर उसके खेलने की बात आती है। ऐसे में यदि 15 साल का प्रणव धनावड़े यह सब कर दे तो, यह सबके लिए दाँतो तले उंगली दबाने जैसी बात है। आइये फ्रेंड इस Hindi Biography द्वारा Pranav Dhanawade की संघर्षिल कहानी को जानते है…
अनुक्रम
Pranav Dhanawade Hindi Biography (Wiki)
Family (Parents) & Childhood
Pranav Dhanawade का जन्म मुंबई के एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता प्रशांत धनावड़े अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाते है। उनकी माँ एक हाऊसवाइफ़ है।
आर्थिक तौर पर प्रणव जरूर गरीब है, पर जुनूनी तौर पर क्रिकेट के अमीर खिलाड़ी है। वे बचपन से ही क्रिकेट के बड़े आशिक और एक महत्वाकांक्षी खिलाड़ी रहे है।
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Education & School Cricket
बरहाल उनकी प्रारम्भिक शिक्षा कल्याण स्थित के सी गांधी हाई स्कूल से हो रही है, वे वहाँ पढ़ने के साथ स्कूल क्रिकेट टीम के लिए मैच भी खेला करते है, जहां उनकी पोजीशन एक भरोसेमंद ओपनर बेट्समैन की है।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंडर 16 इंटर स्कूल टूर्नामेंट (भण्डारी कप) के अंतर्गत 4-5 जनवरी 2016 को के सी गांधी हाई स्कूल और आर्य गुरुकुल स्कूल के बीच दो दिवसीय मैच खेला गया। जिसमें प्रणव धनावड़े के सी गांधी हाई स्कूल के ओपनर के तौर पर बैटिंग करने आए।
दिन बिलकुल सामान्य था, जिसमें कोई भी अनहोनी को एकस्पेक्ट नहीं कर सकता था।
खेल का एक घंटा बिता, दो घंटा बिता, तीन घंटा बिता…. और प्रणव के साथ टीम की बैटिंग को संभाल रहे साथी खिलाड़ी नियत टाइम पर आउट हो रहे थे। पर प्रणव एक विशाल चट्टान की तरह अपने क्रीज़ पर जमे हुए थे, इस कारण वे उस मैच में सबसे ज्यादा बॉलरों को चुभ रहे थे।
आर्य गुरुकुल स्कूल के बॉलर्स सीधे ही उनसे पूछने लगे,
अरे कितना मारेगा ?
प्रणव बड़े अदब से जवाब देते है,
जा बॉलिंग कर, आज बहुत मारना है।
1009 Runs As World Cricket Record
यह जवाब उनके बैटिंग स्किल की बड़ी कोन्फ़िडेंस को दर्शाता है। जिसके सहारे लगातार दो दिन तक ताबड़-तोड़ बैटिंग कर 310 की स्ट्राइक रन रेट से 323 गेंदों पर नोट आउट 1009 रन बनाए, जिसमें उन्होंने 59 छक्के और 127 चौके लगाए।
इस लाजवाब पारी ने उन्हें शानदार इतिहास और रिकॉर्ड का मालिक बना दिया। दुनियाँ में एक ही मैच में 1000 रन बनाने वाले एकमात्र बेट्समैन है और इस पारी के द्वारा 1899 में इंग्लिश खिलाड़ी ए ई जे कोलींग्स द्वारा बनाए गए 628 रन की अधिकतम व्यक्तिगत स्कोर के रिकॉर्ड को भी तोड़कर पूरे दुनियाँ में छा गए।
इस युनीक पारी की सभी क्रिकेट लिजेंडरों ने खूब तारीफ की। क्रिकेट गॉड सचिन तेंदुलकर उनके इस पारी से इतने खुश थे कि उन्होंने अपना साईन किया हुआ बैट उन्हें ईनाम के तौर प्रदान किया।
महाराष्ट्र के निवर्तमान खेल मंत्री ने उन्हें 10,000 रुपये प्रति महीना स्कॉलरशिप देने की घोषणा की।
West Zone Under 16 Cricket Team
इस तरह की शानदार शुरुआत के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था। पर अब प्रणव एक बार फिर सुर्खियों में है। पर अच्छे कारण से नहीं, बल्कि वेस्ट जॉन अंडर 16 क्रिकेट टीम में चयन ना होने को लेकर है।
इस मामले के अनुसार, फिलहाल हुबली में इंटर ज़ोनल टूर्नामेंट चल रहा है, जिसके लिए वेस्ट जॉन अंडर-16 टीम के लिए खिलाड़ियों को चुना गया। जिसमें स्कूली क्रिकेट में 1000 रन बनाने वाले प्रणव की जगह सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर को जगह दी गई। यहाँ तक सबकुछ ठीक था।
पर जब अर्जुन की परफ़ोर्मेंस की बारी आई तो वे पूरी तरह से बैटिंग और बॉलिंग में फ्लॉप रहे। इस कारण अर्जुन की वेस्ट जॉन अंडर-16 टीम में चयन सवालों के घेरे में है। आखिर क्यों प्रणव की जगह अर्जुन को मौका दिया ? जबकि प्रणव के परफ़ोर्मेंस के सामने दूर-दूर तक कहीं भी अर्जुन नजर नहीं आते है। क्या ये मान लिया जाए, सचिन तेंदुलकर के बेटे होने कारण अर्जुन को लाभ मिला ? क्या ये भारतीय क्रिकेट के लिए सही है ? इन्हीं सब प्रश्नों को लेकर आमजन द्वारा ज़ोर-शोर से सोशल साइट्स पर डिस्कस झिड़ी हुई है।
Quick Fact
Date of Birth – May 13, 2000
Birth Place – Kalyan, Maharashtra
Age – 16 Years (2016)
Batting Style & Role – Right Handed & Bastman
Father – Prashant Dhanawade
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