एक ऐसा नाम, जो इतना प्रकाशमायी है, यदि सूरज का प्रकाश भी खत्म हो जाए तो इस नाम का प्रकाश खत्म ना होगा। जी हाँ, फ्रेंड, आज मैं बात कर रहा हूँ सचिन तेंदुलकर के हीरो और पूरी दुनियाँ के Boxing Legend Muhammad Ali की। जिन्होंने अपनी कड़े मेहनत, साहस और जिद्दीपन से उस मुकाम को हासिल किया, जहां सब नद-मस्तक हो जाते है। पर बड़े दुख की बात है, इस लिजेंड ने हमारे लिए आंसूयों की हार छोड़ गए। पर सीखने वाले सीख सकते है, कैसे एक गरीब घर का एक अश्वेत बेटा ने अपने जुनून और ताकत से पूरी दुनियाँ को हराकर अपना दीवाना लिया। आइये फ्रेंड इस Hindi Biography द्वारा The Greatest Muhammad Ali की दुनियाँ को हराने वाली कहानी को जानते है….
अनुक्रम
Muhammad Ali Hindi Biography (Wiki)
Childhood & Parents
मुहम्मद अली का जन्म लुईसविले, अमेरिका के बेहद ही गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। अली के पिता का नाम कैशियश मार्सेलस क्ले सीनियर था।
यह नाम उनके पिता ने 19 वीं सदी के उन्मूलनवाद और रिपब्लिकन पार्टी के नेता के सम्मान में खुद रख लिये थे। इसलिए उनके पिता ने उनका नाम कैशियश मार्सेलस क्ले जूनियर रख दिया।
और उनकी माँ का नाम ओड़ेस्सा ग्रेड़ी क्ले था, जो एक हाऊसवाइफ़ थी और उनके पिता पैसा कमाने के लिए बिलबोर्ड और साइन को पैंट किया करते थे।
परिवार में अली के अलावा एक बहन और चार भाई थे।
आखिर कैसे बना 12 वर्षीय लड़का, बॉक्सर?
बचपन से ही गुस्सा और जिद्दीपन उनके स्वाभिमान की पहचान थी।
एक बार की बात है, जब उनकी साइकिल चोरी हो गई तो, उसका रपट लिखाने के लिए पास के पुलिस स्टेशन गए। उदास और गुस्से से भरे अली ने थाना इंचार्ज मार्टिन से कहा,
चोर ने मेरी साइकिल चुरा ली है।
पुलिस वाले ने कहा,
बेटा, मायूस होने से अच्छा है तुम बदला लेना सीखो।
अली ने कहा,
मुझे चोर का पता बताओ, मैं बदला लूँगा।
इस पर मार्टिन ने कहा,
तुम बच्चे। बदला कैसे लोगे? चोर से लड़ने के लिए तुम्हें बॉक्सिंग सिखनी होगी।
ये बात अली के दिमाग में बैठ गई।
उन्होंने उत्साह भरे स्वर में पुलिस वाले से कहा,
तो सिखायो बॉक्सिंग
उसी वक्त वो थाने के इंचार्ज अली को बॉक्सिंग सीखाने लगा।
डेढ़ महीने की ट्रेनिंग के बाद एक मैच में अली रिंग में उतरे। और अगले ही पल जादू हुआ, जिसका किसी को कोई अंदाजा नहीं था। उन्होंने पलक झपकते ही अपने विरोधी को धाराशायी कर दिया।
फ्रेंड, इस फाइट में वे मात्र 12 साल के थे। इस जीत से उन्होंने पूरे अमेरिका में तहलका मचा दिया। इसी के साथ उन्होंने चोर से बदला लेने के लिए सीखी बॉक्सिंग को ही अपना कैरियर बना लिया।
Boxing Career
कहते है शेर की तरह जिगरा रखने वाले अली एक बार किसी पर टूट पड़ते तो उसे हराकर ही छोड़ते थे और उनके हौसलों पर उनकी छोटी उम्र ने कभी प्रभाव नहीं डाला। जिसकारण वे 1956 में गोल्डेन ग्लब्ज टूर्नामेंट जीतने में कामयाब रहे।
इसके तीन साल बाद, वे राष्ट्रीय गोल्डेन गल्ब्ज टूर्नामेंट के साथ लाइट हेवीवेट क्लास में एमेचौर एथलेटिक यूनियन की राष्ट्रीय टाइटल जीतने में कामयाब रहे।
Rome Olympic
1960 में अली अमेरिका की बॉक्सिंग कोटे से रॉम ओलिम्पिक के लिए क्वालिफाई कर गए। जहां उन्होंने अपनी बॉक्सिंग की अलग ही रणनीति पेश की, जिसे देख दुनियाँ भोचक्की ही रह गई।
अली ने अपनी तेज स्पीड और फेंसी कदमों से लगातार तीन बाउट्स जीतकर पोलेंड के बॉक्सर जिगनी पिटकोव्स्की को फ़ाइनल में हराकर गोल्ड मेडल पर अपनी मुहर लगाई।
अब अली अमेरिका के हीरो बन चुके थे और उन्होंने प्रोफेसनल बॉक्सिंग जाने का निर्णय लिया। पर इसी समय उनके शहर लुईसविले के रेस्त्रा में उन पर किसी ने नस्ल भेदी टिप्पणी कर दिया, जिसके कारण वे गुस्से में आकर अपना गोल्ड मेडल ओहियो नदी में फेंक दिया।
पर स्वभाव के जिद्दी अली ने प्रोफेशनल बॉक्सिंग का निर्णय नहीं बदला। और उन्होंने 1963 में अपने पहले ही प्रोफेशनल मुक़ाबले में ब्रिटिश हेवी वेट चैंपियन हेनरी कूपर को धूल चटाकर दुनियाँ को अपना दम दिखाया।
1964 में वे सोनी लिसन को हराकर पहली बार दुनियाँ का हेवी वेट चैंपियन बने। लोग उन्हें उनके जीत के लिए “The Greatest” कहते थे।
अली की बॉक्सिंग की खासियत थी कि मुक़ाबले से पहले ही बता देते थे कि वे अपने विरोधी को किस राउंड में और किस तरह हराएंगे। और बा-खुदा रियल मैच में भी ऐसा ही होता था। यहीं उनकी असली पहचान थी।
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धर्म परिवर्तन
बरहाल, अली को अश्वेत लोगों के साथ होने वाले भेदभाव से काफी घृणा थी। वे कहते है, “उन्हें अपने कैशियश मार्सेलस क्ले जूनियर नाम से घुटनशील महसूस होता है।“
इसलिए वे 1964 में राष्ट्रीय मुस्लिम ग्रुप से जुड़ गए और धर्म परिवर्तन कर अपना नाम मुहम्मद अली रख लिया।
फौज और अली के बीच विवाद
बॉक्सिंग कैरियर के दौरान वे अमेरिकी फौज में काम करना चाहते थे, पर दो बार अमेरिकी फौज ने उनका आवेदन यह कहकर ठुकरा दिया कि उनकी आईक्यू सामान्य आईक्यू से 78 कम है।
पर अली की लगातार बढ़ रही पोपुलिरिटी के कारण अमेरिकी सेना बोखल्ला गई और 1967 में उनकी नियुक्ति का ड्राफ्ट तैयार कर दिया।
पर अली भी अपने स्वाभिमान और इरादों के पक्के थे, उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा,
भूरे लोग (वियतनामवासी) ने मेरा कभी अपमान नहीं किया, फिर मैं क्यों उनके विरुद्ध लड़ूँ ?
उनके इस तीखे वक्तयव से अमेरिकी फौज पर नगवार गुजरी। इसके बदले में कड़ी कार्यवाही करते हुए फौज ने उन्हें पाँच सालों के लिए जेल में डाल दिया।
अली ने इसके विरुद्ध अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील भी की। पर मुक़दमेबाज़ी में पूरे तीन साल लग गए और फौज ने उनके खिताब और बॉक्सिंग लाइसेन्स को भी छिन लिया था। जिसकारण उनका बॉक्सिंग कैरियर पूरी तरह से रुका पड़ा था।
पर 1971 में उन्हें आजाद होने की किरण नजर आई, जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उनपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया। इस तरह वे अपने ही एक निर्णय के कारण जेल गए, पर उन्होंने अपना स्वाभिमान बरकरार रखते हुए सेना के खिलाफ लड़ते हुए जीत हासिल की।
बॉक्सिंग में वापसी
1971 में वे रिंग में लौटे। बॉक्सिंग के इतिहास के सबसे यादगार मुक़ाबले खेले। दो वर्ल्ड खिताब जीतकर सम्मान वापस पाया।
अली ने जब अपना प्रोफेशनल बॉक्सिंग कैरियर स्टार्ट किया था, तब शुरुआती के दस सालों में कभी भी नहीं हारे।
पहली हार
8 मार्च 1971 में न्यूयोर्क के एक रिंग में एक तरफ लगातार 26 मैच जीतने वाला जोसेफ विलियम फ्रेज़र था, वहीं दूसरी ओर दुनियाँ का सबसे अच्छा बॉक्सर और लगातार 31 मैच जीतने वाला मुहम्मद अली थे।
मुक़ाबला स्टार्ट हुआ। उस समय लोगों के दिलों और जवां पर दो ही नाम थे, फ्रेज़र और अली।
सबक़ों यकीन था, अली फ्रेज़र को हरा देगा। मैच पहला राउंड…. 14 वीं राउंड तक ठीक था, पर 15 वीं राउंड में फ्रेज़र ने दुनियाँ को चौकाते हुए हेवीवेट चैम्पियन को मात दे दिया। इस तरह 10 सालों तक अजेय रहे अली को पहली मात मिली।
इस मैच को सदी का सबसे अच्छा मैच कहा गया। इस मैच के बाद दोनों बॉक्सरों को हॉस्पिटल जाना पड़ा।
पर शेर तो शेर ही होता, इसलिए उन्होंने 1974 में फ्रेज़र को हराकर इस हार का बदला ले लिया।
अनोखा रिकॉर्ड
1977 में उनके द्वारा मात्र 10 सेकंड में 21पंच बचाने का रिकॉर्ड बनाया गया, जिसका किस्सा बड़ा मजेदार रहा।
1975 में 17 साल के अमेरिकी बॉक्सर माइकल डॉक्स ने 35 वर्षीय अली को चुनौती देते हुए कहा, “बॉक्सिंग में मेरे हाथ इतने तेज चलते हैं कि विडियों कैमरा में भी कैप्चर नहीं हो पाते। 35 साल के बुजुर्ज अली को ये बात ध्यान रखनी चाहिए।”
अली की बॉक्सिंग की एक ओर खासियत है कि, वे अपने विरोधी को दोस्त मानते है, तभी तो इस चुनौती के 2 साल बाद अप्रैल 1977 में अली ने माइकल डॉक्स के खिलाफ एक प्रदर्शनी मैच खेला।
इसमें उन्होंने डांस करते हुए 10 सेकंड में 21 पंच बचाए थे और बिना हाथ लगाए माइकल को फनी स्टाइल में हरा दिया।
Retirement
बरहाल दुनियाँ का सबसे शानदार बॉक्सर अली ने अपने बॉक्सिंग कैरियर में कुल 61 मैच खेले, जिसमें उनकी 56 जीत और 5 हार थी। हार में एक बार उन्हें रिटायर होना पड़ा और उन्होंने 1981 में वर्ल्ड बॉक्सिंग से सदा के लिए सन्यास ले लिया।
Death (Death Reason)
गुरुवार, 2 जून को बॉक्सिंग लिजेंड को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिस कारण उन्हें एरिज़ोना, अमेरिका के अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। पर 3 जून 2016 को गॉड ने उन्हें अपने बुला लिया और सबके आँखों को नम कर गए। :- हे बॉक्सिंग लिजेंड, HBC आपकी आत्मा की शांति के लिए God से प्रे करता है। God आपको अपने साथ जन्नत में रखे।
Personal Life
अली ने चार शादियाँ की थी। उनके 7 बेटियाँ और 2 बेटे है। अली ने अपना NickName The Greatest खुद रखा था।
Quotes
दोस्ती कुछ ऐसा नहीं है जो आप स्कूल से सीखते है। लेकिन यदि आपने दोस्ती का मतलब नहीं सीखा तो दरअसल आपने कुछ नहीं सीखा। – Muhammad Ali
मैंने ट्रेनिंग के हर एक मिनट से नफरत करता था, लेकिन मैंने कहा, हार मत मानो। अभी सह लो और अपनी बाकी की जिंदगी एक चैम्पियन की तरह बिताओं। – Muhammad Ali
नदियां, तालाब, झीलें और धाराएँ – इनके अलग-अलगा नाम है, लेकिन इन सबमें पानी होता है ठीक वैसे ही जैसे धर्म होते है। उन सभी में सत्य होता है। – Muhammad Ali
वह जो जोखिम उठाने का साहस नहीं रखता। अपने जीवन में कुछ हासिल नहीं कर सकता। – Muhammad Ali
जो आदमी पचास की उम्र में दुनियाँ को उसी तरह देखता है, जैसा कि वो बीस में देखा करता था, ने अपने जीवना के तीस साल बर्वाद कर दिये है। – Muhammad Ali
औरों की सेवा पृथ्वी पर आके कमरे का किराया है। – Muhammad Ali
वो सामने खड़े पहाड़ नहीं है, जो आपको थका देते है, बल्कि वो आपके जूतों में पड़े कंकड़ हैं, जो आपको थका देते हैं। – Muhammad Ali
ये बस एक काम है। घांस उगती हैं, चिड़ियाँ उड़ती हैं, लहरे रेत को थपेड़े मारती हैं। मैं लोगों को पीटता हूँ।
तितली की तरह उड़ो, मधुमक्खी की तरह काटों।
जिस व्यक्ति के पास कल्पना नहीं है, उसके पास पंख नहीं हैं।
केवल वह व्यक्ति जिसे हार जाने का मतलब पता है, बराबरी के मुक़ाबले में अपनी आत्मा की सतहों तक जा सकता है और जीत के लिए जरूरी अतिरिक शक्ति पैदा कर सकता है।
जो मुझे चलते रहने देता है वही मेरा लक्ष्य है।
अगर मेरा दिमाग सोच ले और मेरा दिल विश्वास कर ले – तब मैं उसे हासिल कर सकता हूँ।
चैम्पियंस जिम में नहीं बनाए जाते। चैम्पियंस किसी ऐसी चीज से बनाए जाते है, जो उनके भीतर कहीं होती है – एक इच्छा, एक सपना, एक विजन। उनके पास कौशल और इच्छाशक्ति होनी चाहिए, लेकिन इच्छशक्ति कौशल से ताकतवर होनी चाहिए।
जो आप सोच रहे हैं, वो आप बन रहे है।
बिना डर के हम बहादुर नहीं हो सकते
Quick Fact
Date of Birth – Jan 17, 1942
Birth Place – Louisville, USA
Age – 74 Years
Death of Date – June 3, 2016
Height & Weight – 6’3” & 107 KG
Diet – NA
Religion– Islam
Nationality – American
Wife/Spouse –Sonji Roi (1964-66), Belinda Boyd (1967-76), Veronica Porsche Ali (1977-86), Yolonda Williams (1986-2016)
Children– Son – Asaad Amin And Muhammad Ali Jr. Daughter – Laila Ali, Rasheda Ali, Hana Ali, Maryum Ali, Khaliah Ali, Miya Ali.
Salary – $3-5 Million Per Fight
Net Worth– $80 Million
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