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    Home»Leader»कैसे हकलाने वाले बने फराटेदार इंग्लिश बोलने वाले धर्म गुरु ?
    Zakir Naik

    कैसे हकलाने वाले बने फराटेदार इंग्लिश बोलने वाले धर्म गुरु ?

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    By Ravi Kumar on Jul 8, 2016 Leader, Trending Now

    क्या धर्म प्रचारक एक आतंक प्रचारक हो सकता है ? इन दिनों कुछ ऐसी ही खबरे आ रही है। खैर यह जांच का विषय है। लेकिन अब तक Zakir Naik के खिलाफ मीडिया से मिले जानकारी से लगता है, उनका आतंक के तरफ झुकाव हो सकता है। यदि यह जांच के बाद सत्य हुआ तो यह समाज के लिए एक गंभीर समस्या होगा, जो उसे मिटाने की क्षमता रखता है।

    ऐसे में सभी लोगों को Zakir Naik के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है, कहीं वे भी किसी आतंक के गुरु के मिट्ठे-मिट्ठे बोल और लालच में फंस ना जाए और किसी आतंकी घटना का अंजाम ना बन जाए।

    तो जानते है इस Hindi Biography द्वारा Zakir Naik को ….

    अनुक्रम

    • Zakir Naik Hindi Biography (Wiki)
      • Childhood & Education
      • Islamic Research Foundation (IRF)
      • क्यों दुनियाँ के आधे मुसलमान नाइक से नफरत करते है ?
      • Personal Life
      • आरोप और विवाद
      • Quick Fact

    Zakir Naik Hindi Biography (Wiki)Zakir Naik

    Childhood & Education

    जाकिर नाइक का जन्म मुंबई महाराष्ट्र में हुआ था। वे बचपन में हकलाकर बोला करते थे। उनके पिता अब्दुल करीम नाइक 70-80 साल पहले डोंगरी में क्लीनिक चलाया करते थे।

    उन्होंने किशिंचंद चेल्लाराम कॉलेज से पढ़ाई किया और Medicine की पढ़ाई के लिए टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड बीवाईएल नायर चैरिटेबल हॉस्पिटल को जॉइन किया।

    बाद में उन्होंने University of Mumbai से MBBS की डिग्री पूरी की।

    Islamic Research Foundation (IRF)

    पढ़ाई के बीच Zakir Naik 1987 में दक्षिण अफ्रीका में इस्लामिक उपदेशक शेख अहमद दीदात का भाषण सुना।

    दीदत के भाषण वे इतने प्रभावित हुए कि पढ़ाई पूरा होते के साथ डॉक्टरी छोड़, 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना कर लोगों को इस्लाम का उपदेश देने लगे।

    इस संस्था का मुख्य उद्देश्य था, गैर मुस्लिम लोगों के बीच इस्लाम धर्म का सही मतलब बताना था।

    इसलिए वे दुनियाँ भर में घूम-घूम कर सभाएं करके गैर मुस्लिमों में इस्लाम पर भाषण देने लगे।

    जल्द ही चर्चित होने लगे। साल 1994 में दीदत ने भी नाइक को ‘दीदत प्लस’ के उपाधि से नवाजा।

    इससे उनके संगठन को दुनिया-भर से जकात (दान, लगभग 13.5 अरब रुपये प्रति माह) मिलने लगा। इसके अलावा मुंबई के मंझगांव में उनका इस्लामिक इंटरनेशल स्कूल भी चलता है।

    अब तक जाकिर ऑस्ट्रेलिया, वाल्स, यूके, कनाडा, मलेशिया सहित 30 देशों में 2000 से अधिक सभाएं कर चुके है।

    भाषणों के बदौलत Zakir Naik सऊदी राजघराने के वहाबी-सलाफ़ी गुट के करीब आए। सऊदी के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज ने 2015 में जाकिर को किंग फैजल इंटरनेशल प्राइज़ फॉर सर्विस ऑफ इस्लाम से नवाजा।

    इसके बाद वे पुश्तैनी घर से मझगांव के एक फ्लैट में शिफ्ट हो गए।

    उन्होंने 2006 में अपने लेक्चर टेलिकास्ट करने के लिए दुबई से पीस टीवी को शुरू किया।

    इस टीवी चैनल को 2008 से 2015 तक 80 करोड़ रुपये चंदे में मिले और इस चैनल को गैर अनुमति के भारत में प्रसारित किया जा रहा था। जिसके कारण इसे 2012 में बैन कर दिया गया। फिर भी इसके चोरी-छिपे टेलिकास्ट होने की खबरें आती रहती है।

    बैन के बाद भी इस टीवी चैनल को देखने वालों की तादाद कम नहीं है। पूरी दुनियाँ से रोजाना 20 करोड़ लोग इस टीवी चैनल को ट्यून करते है।

    Zakir Naik इस्लामिक प्रचारक के रूप कितने फेमस है, जिसका अंदाजा आप उनके सोशल साइट्स पर फोलोवर्स की संख्या से पता कर सकते है। उनके Facebook Page पर 1.4 करोड़ फ्लोवर्स है।

    उनकी प्रभावशीलता यही तक नहीं है, बल्कि उन्हें देश के टॉप-10 आध्यात्मिक गुरुओं की लिस्ट में 2009 में तीसरा और 2010 में पहला स्थान मिला था।

    जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी, USA की पिछले चार वर्षों के दौरान जारी दुनिया के 500 प्रभावशाली मुस्लिमों की सूची में वह टॉप-70 में शामिल थे।

    Source – DB

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    क्यों दुनियाँ के आधे मुसलमान नाइक से नफरत करते है ?

    1.Zakir Naik दूसरे इस्लामिक प्रचारक से पूर्णतया: भिन्न है। वे ट्रेडीशनल वेषभूषा के बजाय सूट-बूट पहन कर कुरान पढ़ते हैं और उर्दू की जगह अंग्रेजी बोलते है।

    सूट बूट पहन कर उपदेश देना, यह बात उनके बिरादरी के लोगों से हजम नहीं होता है। जिस तरह हिन्दू धर्म गुरु पीला वस्त्र धारण करते है, ठीक उसी तरह मुस्लिम धर्म गुरुओं का ड्रेस कोड होता है।

    2.नाइक कहते है, जहां इस्लाम हो, वहाँ दूसरे धर्म के प्रचार पर रोक होना चाहिए।

    नाइक जी शायद आप जियो और जीने दो के फोर्मूले को फॉलो नहीं करते है। वैसे सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का धर्म होता है, जहां सबको बराबर हक मिलता है। फिर दूसरे धर्म के विस्तार पर रोक क्यों ?

    3.डॉक्टर नाइक का मानना है कि औरतों को हमेशा बुर्के में ही रहना चाहिए।

    डॉक्टरी करने वाले नाइक नहीं जानते है कि औरतों का हमेशा से बुर्कें में रहने से उनमें विटामिन की कमी हो जाता है। दुनियाँ भर के अच्छे मुसलमान इसका समर्थन भी करते है।

    4.नाइक इस्लामिक उपदेश देते हुए कुछ ऐसी बाते कर जाते है, जो सचमुच में कुरान में होती ही नहीं है।

    इसलिए उनपर पाकिस्तान से लेकर भारत के इस्लामिक गुरुओं द्वारा उनपर कई बार फतवा भी जारी किया गया।

    5.एक सवाल का उत्तर देते हुए उन्होंने ओसामा बिन लादेन के लिए हमदर्दी जताया।

    उन्हें पता नहीं, लादेन केवल अमेरिका का ही दुश्मन नहीं था, बल्कि वो तो भारत को आतंकी धमकी दे रखा था। लादेन के लिए हमदर्दी जताते हुए उन्हें अपना देश क्यों याद नहीं आया ? इसलिए वतनपरस्त मुस्लिम नाइक का विरोध करते है।

    6.नाइक कहते है, मुसलमान अमनपसंद (शाकाहारी) जानवरों का मांस इसलिए खाते है कि ताकि उनका दिमाग अमनपसंद रहे।

    नाइक जी, शेर, बाघ भी तो अमनपसंद जानवरों को ही खाते है, तो वे क्यों अमनपसंद नहीं होते ?

    7.उनके अनुसार मजारों पर मन्नत मांगना गैर इस्लामी है, तो आखिरकार मुसलमान लोग मन्नत मांगने कहाँ जाएंगे ?

    8.दो बीबियों के सवाल पर उत्तर देते हुए उन्होंने कहां, “दुनियाँ में औरतों की संख्या मर्दों से ज्यादा है। इसलिए हर मुसलमान व्यक्ति दो बीबियाँ रख सकता है।”

    नाइक जी यह क्या कह गए ? लगता है आपने कभी सिक्सथ क्लास में सोशल साइंस नहीं पढ़ी। बच्चा-बच्चा जानता है, दुनियाँ मर्द ज्यादा है या औरत ?।

    Source – Agneevir

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    Personal Life

    बचपन में हकलाने वाले पर अब फराटेदार इंगलिश बोलने Zakir Naik की पत्नी फरहत है, जो इस्लामिक फाउंडेशन की महिला विंग को चलाती है। उनकी दो बेटियाँ और एक बेटा है, जो सभी अभी पढ़ाई कर रहे है।

    आरोप और विवाद

    1 जुलाई 2016 को हुए बांग्लादेश आतंकी हमले के पीछे जाकिर नाइक का नाम निकल कर आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है, वे इस्लाम धर्म के बहाने युवायों को आतंक के लिए प्रेरित करते है।

    इनके धर्म-प्रचार के नापाक मंशा पर यूके और कनाडा की पहले से ही नजर थी, इसलिए उन्होंने 2010 में ही अपने देश में प्रवेश पर बैन लगा दिया था।

    अब इन्हीं बातों को लेकर भारत में उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग तेज हो गई है। गौरतलब है कि वे ओसामा बिन लादेन और आईएसआईएस को समर्थन देते हुए नजर भी आ चुके है।

    ऐसे में भारत की सुरक्षा एजेंसियों का एक्टिव होना लजामी है। फिलहाल ज़ाकिर विदेश में है। पर स्वदेश आने पर एनआईए टीम उनके भाषणों को लेकर पूछताछ करेगी।

    Quick Fact

    Date of Birth – October 18, 1965

    Age – 50 Years (2016)

    Birth Place – Mumbai, Maharashtra

    Education – MBBS

    Religion – Islam

    Wife – Farhat Naik

    Daughter -2

    Son-1

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    (Pic-Google Image)

    18 October 1965
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