“आने वाले चौबीस घंटों में तुम्हारे चौबीस टुकड़े करके, हर टुकड़े का अलग-अलग अंतिम संस्कार करूंगा” बड़े पर्दे पर कुछ ऐसी ही शख्सियत रखने वाले Sunny Deol रियल लाइफ में एक शांत और सरल स्वभाव के इंसान है। जिनका असली नाम अजय सिंह देओल है।
बचपन में वे हर खेल में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे और उन्हें आसानी से हर टीम सिलेक्ट भी कर लिया जाता था।
आखिर ऐसा क्या हुआ ? जो खेलों में बेहतरीन खिलाड़ी होने के बावजूद फिल्मी दुनियाँ से जुड़ना पड़ा ? जबकि वे काफी शर्मीले थे।
यहीं सब जानेंगे Sunny Deol की इस Hindi Biography से।
अनुक्रम
Sunny Deol Hindi Biography (Wiki)
Childhood & Education
सन्नी देयोल का जन्म लुधियाना के गाँव सोनीवाल में बॉलीवुड के वीरू धर्मेंद्र और प्रकाश कौर के घर में हुआ था।
अंतर्मुखी और शर्मीले सन्नी जब थोड़े-बड़े हुए तो उनकी फैमिली मुंबई आ गई। जहां उनके पिता फिल्मी कैरियर बनाने में लग गए तो उनकी प्रारम्भिक शिक्षा Sacred Heart Boys High School से हुई।
बचपन से ही वे खेलों में काफी रुचि रखते थे, जिसकारण वे अपने स्कूल के हर खेल की टीम में आसानी से चुन लिए जाते थे। पर फैमिली से खास सपोर्ट ना मिलने के कारण वे खेलों में आगे ना बढ़ सके।
Acting Training
और Sunny Deol अपने पिता को अपना आइडियल मानते हुए एक्टर बनने की चाह प्रकट की।
इस बीच उन्होंने मुंबई के रमणीरंजन आनंदिलाल पोदार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से कॉलेज की शिक्षा पाई और लंदन के बर्घिमम थिएटर स्कूल को एक्टिंग सीखने के ख़्वाहिश से जॉइन की।
Bollywood Acting Debut
और वहाँ से एक्टिंग का ज्ञान पाने के बाद 1983 में इंडिया आ गए और आते ही उन्हें बेताब फिल्म से धमाकेदार डेब्यु करने का मौका मिला। इस फिल्म में उनकी हीरोइन अमृता सिंह थी, जो खुद भी उस फिल्म से डेब्यु कर रही थी।
फिल्म इतनी हिट हुई कि जिसका जादू दर्शकों के साथ फिल्मफेयर अवार्ड फंक्शन में भी चला। जहां उन्हें बेस्ट एक्टर के लिए नॉमिनेशन मिला, जो किसी भी नए एक्टर के लिए किसी अवार्ड से कम नहीं होता है।
अपनी पहली ही फिल्म में सफलता का स्वाद चखने के बावजूद उन्हें अगले दो सालों में असफलता के कड़वे घूंट भी पीने पड़े।
सफलता का दौर
1985 में होम बैनर विजयता फिल्म्स के तले उनके जोशो-खरोशो डायलॉग्स से भरे “घायल” फिल्म आई। लोगों ने इस फिल्म को इतना पसंद किया कि इस फिल्म ने सुपरहिट होने की नई परिभाषा गढ़ गया।
इस फिल्म का जादू यहीं नहीं रुका, बल्कि फिल्मफेयर अवार्ड फंक्शन में फिल्मफेयर फॉर बेस्ट एक्टर सहित सात अवार्ड जीते और साथ ही नेशनल अवार्ड भी जीतने में कामयाब रहा। जिसके कारण यह फिल्म उस साल की हाईएस्ट अर्निंग वाली फिल्म बन गई।
उस साल उनकी एक और फिल्म आई, एक्शन से भरपूर “अर्जुन”। जिसमें उन्होंने एक बेरोजगार युवक की भूमिका निभाई थी। यह इतनी हिट हुई कि उन्हें बॉलीवुड में भारीभरकम डायलॉगबाज और एक्शन हीरों के रूप में नई पहचान मिली, जो अबतक कायम है।
इसी तरह उनके आगे के पाँच साल सुपरहिट फिल्मों से भरा-पड़ा रहा। जो थी, सल्तनत (1986), डकैत (1987), यातीम(1988), पाप की दुनियाँ (1988), त्रिदेव(1989), चालबाज (1989) और विष्णु-देवा (1991) ।
फिर भी वे कोई अवार्ड्स ना पा सके। फिर 1992 में आई सुपरहिट फिल्म दामिनी ने National Film Award for Best Supporting Actor के साथ Filmfare Award for Best Supporting Actor जैसे अवार्ड्स दिलाकर उनके सफलता के आसमान में कम दिख रहे तारों को बढ़ाया।
Sunny Deol का भाग्य था या जी-तोड़ मेहनत का नतीजा। 80 की दशक की तरह 90 का दशक भी उनकी फिल्मी सफलतायों के दौर से गुजरा। इस दशक में उनकी प्रमुख फिल्में रही – डर(1993), जीत(1996), घातक : लिथल (1996), जिद्दी (1997), बॉर्डर (1997)।
Bollywood Directing Debut
अच्छी ख़ासी एक्टिंग कैरियर होने के बावजूद Sunny Deol ने 1999 में “दिल्लगी” फिल्म से डाइरेक्शन में कदम रखा। इस फिल्म में उनके छोटे भाई बॉबी देयोल लीड रोल में थे।
फिल्म हिट हुई। जिस कारण उनके डाइरेक्शन को इंडस्ट्री के बड़े स्टार्स द्वारा काफी सराहा गया। फिर वे पुन: अपने एक्टिंग कैरियर की ओर मूड गए।
और लगातार 17 सालों से सफलता की नई कहानी लिखने के बाद भी Sunny Deol यहीं तक नहीं रुके, और 2001 में दुनियाँ में बॉलीवुड को नई पहचान दिलाने वाली फिल्म “गदर : एक प्रेम कथा” की।
जो ना केवल भारत में ही हिट हुआ, बल्कि पूरे विश्व-भर में इसे खूब पसंद किया गया। जिसकारण यह फिल्म एक तरफ कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 97 करोड़ 30 लाख रुपये कमाने में सफल रहा, तो दूसरी तरह उन्हें Screen Award for Best Actor का अवार्ड्स भी दिला गया।
उसी साल देशभक्ति से ओतप्रोत उनकी “इंडियन” फिल्म आई, जिसे आज भी 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर बड़े चाव से देखा जाता है।
यह फिल्म भी सफल रही। इसी तरह “माँ तुझे सलाम” फिल्म आई, जिसमें उन्होंने एक इंडियन मिलिटरी ऑफिसर की दमदार भूमिका निभाई थी। इसे भी ऑडियन्स का बड़ा प्यार मिला।
2003 में उन्होंने पहली बार ग्लोबल गर्ल प्रियंका चोपड़ा और प्रीति जिंटा के साथ “The Hero : Love Story of a Spy “में काम किया। फिल्म हिट रही और उस साल कमाई के मामले में तीसरे स्थान पर रही।
ढलते कैरियर की ओर
Sunny Deol को अपार सफलताएँ मिलने के बावजूद वे कहीं पीछे छूटते जा रहे थे। कारण था, इन्हीं दिनों इंडस्ट्रीज में शाहरुख खान, सलमान खान, आमिर खान और अक्षय कुमार जैसे बॉलीवुड के बेहतरीन और टेलेंटिड एक्टर्स बड़े तेजी उभर रहे थे।
Sunny Deol अपने शर्मीले और अंतर्मुखी स्वभाव के कारण ना ही किसी के साथ अच्छी दोस्ती निभा सके और ना ही अच्छी फिल्मी तालमेल बिठा सके।
इस कारण उन्हें 2000 के पहली दशक में कुछ गिने चुने फिल्मों में ही काम करने का मौका मिला। जैसे यमला पगला दीवाना, अपने, यमला पगला दीवाना 2, I Love New Year और मोहल्ला अस्सी में मौका मिला।
पर उनकी एक्टिंग कैरियर या भाग्य का करवट तो देखिये, शुरू की तीन फिल्में रिलीज तो हुई और बाकी दो तो पूरी भी ना हो सकी। और शुरू की तीनों फिल्में इतनी सफल ना हो सकी, जितनी उन्हें अपेक्षा थी।
बरहाल एक्टिंग कैरियर को कुछ सालों के लिए ठंडे बस्ते में डालकर एनिमेटिड फिल्म में भीम को आवाज देने के लिए राजी हुए।
इसके बाद अपनी एक्टिंग कैरियर पर लौटते हुए, धीमी ही सही 2013 में सिंह साहब द ग्रेट, 2014 में दिशकियाऊँ और 2015 में घायल वंस अगेन जैसे फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लाने में सफल रहे, जिसे दर्शकों से सतर्कता के साथ प्यार मिला।
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Personal Life
“जब ये ढाई किलों हाथ किसी पर पड़ता है ना, तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है” और “कातिया, ये मजदूर का हाथ है लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है।“
कोई भी इन डाइलॉग्स को सुनकर यहीं कहेंगा, Sunny Deol रियल लाइफ में शेर की तरह दहाड़ते होंगे।
पर ऐसा कुछ भी नहीं। वे स्वभाव से बड़े शर्मीले और सीधे किस्म के इंसान है। जो अब फिल्मों के बाद अपने परिवार को खूब प्यार करते है।
अपने अंतर्मुखी स्वभाव के कारण ही Sunny Deol और एक्टर्स की तरह मीडिया की खबरें में बहुत ही कम छाए रहते है।
खैर बड़े पर्दे के इस शेर का विवाह पुजा देयोल के साथ काफी यंग एज में ही हो गया था। अब वे दो बेटों के पिता बन चुके है। जो है करण देयोल और राजवीर देयोल। दोनों ही फिल्मी कैरियर बनाना चाहते है।
Family
Sunny Deol की फैमिली थोड़ी बड़ी है। उनके फैमिली में दो माँ (प्रकाश कौर और हेमा मालिनी), एक भाई (बॉबी देयोल) और चार बहनें (विजयता, अजीता, ईशा देयोल और अहाना देयोल) है। फिलहाल उनकी पहली दोनों अपनी बहनें शादी के बाद कैलिफोर्निया में सैटल हो चुकी है।
Quick Fact
Name – Sunny Deol
Real Name – Ajay Singh Deol
Date of Birth -19 October, 1956
Age – 59 Years (2016)
Height – 5’8.5”
Weight – 78 KG
Birth of Place – Sahnewal, Ludhiana, Punjab.
Current Address – Plot No-22, 10th Road, Juhu Scheme, Mumbai.
कुछ सवाल-जवाब
आपका पसंद और ना पसंद ?
ट्रेवेलिंग और रोड ट्रैफिक
आपके होबीज ?
फोटोग्राफी, जिम में पसीना बहाना, ट्रेक्किग
आपका पसंदीदा खाना ?
थाई फूड, मेथी का पराठा, लौकी की सब्जी
आपका पसंदीदा एक्टर ?
सिलवेसटर स्टालन और धर्मेंद्र
आपका बेस्ट फ्रेंड्स ?
सलमान खान, इम्तियाज़ आली, प्रीति जिंटा।
आपका पसंदीदा रंग?
ब्लैक
आपका पसंदीदा टुरिस्ट डेस्टिनेशन ?
मनाली
कुछ चटपटी बातें
-| 90 की दशक में “डर” फिल्म आई थी, जिसमें वे जुही चावला और शाहरुख खान के साथ काम रहे थे और इस फिल्म को रोमांटिक फिल्मी दुनियाँ में अपनी अलग मुकाम बनाने वाले यशराज चोपड़ा निर्देशित कर रहे थे।
फिल्म जोरदार बनी थी। फिल्म जल्द ही सुपर ड्यूपर हिट हुई। पर इस सफलता का सारा क्रेडिट यशराज और शाहरुख को चला गया।
जिसके बाद से सन्नी देयोल नए बॉलीवुड के निर्माताओं से नाराज हो गए और आगे उनके साथ किसी भी तरह की फिल्में ना करने का प्रण किया।
शायद यहीं वजह थी, एक अरसे से बॉलीवुड पर राज करने वाले सन्नी इस बात को समझ ना सके। समय हमेशा एक जैसा नहीं होता है। यदि समय की डिमांड हो तो कंप्रोमाइज भी कर लेनी चाहिए। नहीं तो आप अपने वर्तमान एक्टिंग कैरियर का हश्र देख सकते है।
-| एक्शन और रोमांटिक के लिए जाने-जाने वाले सन्नी देयोल डांसिंग में जीरो थे। वो तो हर गाने के लिए अपना ईजी स्टेप बनवा लेते थे और उसी से काम चलाते थे।
जबकि पिता धर्मेन्द्र दूरगामी थे, उन्होंने उन्हें समझाया “देखों कपूर के बेटे कैसे डांस कर रहे है? तुम भी कहीं डांसिंग सीख लो”। सन्नी पाजी कहा मानने वाले थे। हर बार पिता को गोलियां दे देते थे और अब उनकी कैरियर उन्हें गोलियां दे रहा है। (गोलियां – बहाना)
-| अगर परिवार में दो भाई हो तो अक्सर छोटे भाई को नोटी माना जाता है। पर यहाँ सबकुछ उल्टा था। गदर फिल्म में हैंडपंप ऊखारने वाले सन्नी पाजी अपने छोटे भाई को खूब सताया करते थे। कभी तो उनकी धुनाई भी कर देते थे।
-| वास्तव में सन्नी पाजी खेलों में जाना चाहते है। पर आप और हम अच्छी तरह से जानते है, खेलों के प्रति भारतीय समाज और पैरेंट्स की सोच को।
धर्म जी यदि आपने सन्नी पाजी खेलों में जाने से नहीं रोकते तो कम से कम हम ओलिंपिक्स में लगातार 32 सालों से गोल्डमेडलिस्ट नेशन कहलाते।
यदि सन्नी पाजी मेडल नहीं लाते तो कम से कम लंदन, बीजिंग और तमाम दुनियाँ के बेहतरीन शहरों के अच्छे-अच्छे हैंडपंप तो ऊखार लाते।
-| आपने-हमने काफी बार उनका फेमस ढाई किलो का हाथ वाला डायलॉग सुना होगा और कभी नकल करने की कोशिश भी किए होंगे। खैर क्या आप जानते सन्नी पाजी ने ढाई किलो का हाथ कहा से पाया?
वैसे हाथ तो वे अपने माता-पिता पाये, लेकिन ढाई किलों हॉलीवुड में सिक्स पैक एब्स के लिए मशहूर एक्टर सिलवेसटर स्टालन से पाये।
सन्नी जब अपने कैरियर के सबाब पर थे, तब वे स्टालन की आकर्षक बॉडी से काफी प्रेरित थे। तभी वे उनके जिम में ही खूब पसीना बहाये और बन गए इंडिया का सबसे दमदार एक्टर, जिसकी जगह अबतक कोई ना ले सका।
-| अक्सर देखा जाता है, जिनके पिता धनी हो तो उनके संतान जल्दी बिगड़ जाते है। पर सन्नी पाजी के मामले में यह बात एकदम उलट थी।
जब वे लंदन एक्टिंग सीखने गए थे, तब वे खुद से प्रण किये थे कि वे ना ही शराब और ना ही सिगरेट पिएंगे और आज भी इन सबका परहेज करते है। सन्नी पाजी आप सचमुच में सदा जीवन और उच्च विचार वाले इंसान है।
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