शिव ही ब्रह्मा, शिव ही महेश, शिव ही सारा संसार…. देवों में सबसे आराध्य शिव भगवान सबसे कठिनतम कार्यों जैसे जहर का प्याला पीना आदि को फलीभूत करने के लिए जाने जाते है।
इसलिए इनके भक्त-प्रेमियों की संख्या भी बहुत अधिक है, जो हर दिन अपने प्रिय भगवान को प्रसन्न करने के लिए पुजा-अर्चना करते है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम पेश कर रहे है बेस्ट शिव श्लोक संस्कृत में, जो भगवान शिव से आशीर्वाद पाने में सहायक होगा।
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अनुक्रम
Shiv Shlok in Sanskrit
#न पुण्य न पाप न सौख्यं न दुःख न मंत्रो न तीर्थ न वेदों न यज्ञ: अहं भोजन नैव भोज्य न भोक्ता चिदानन्द रूप: शिवोहंम् शिवोहम्!!!
(न मैं पुण्य हूँ, न पाप, न सुख और न दुःख, न मंत्र न तीर्थ, न वेद और न यज्ञ, मैं न भोजन हूँ न खाया जाने वाला हूँ और न खाने वाला हूँ, मैं चैतन्य रूप हूँ, आंनद हूँ, शिव हूँ, शिव हूँ!!)!
करचरण कृत्वा क्कायज कर्मज वा श्रवणनयनज वा मानस वापराधम विहितम विहित वा सर्वम तत्क्षमशव जय जय करुणाब्ध श्री महादेव शम्भो!!!
(हे भगवान शिव, कृपया मेरे हस्त, चरण, वाणी, शरीर या अन्य किसी भी शरीर के कर्म करने वाले अंग से या कान, नेत्र या मन से हुए सभी अपराधों को क्षमा करें
हे महादेव, शम्भो आपके करुणा के सागर हैं आपकी जय हो!!!)
Shiv Quotes in Sanskrit
#ॐ त्रयम्बके यजामहे सुगंधि पुष्टिवृध्नम उर्वारुक्मिव
बन्धनान् मृत्योमुर्क्षीय मार्मतात्!!!
(हम त्रिनेत्र धारी शिव की अराधना करते हैं जो अपनी शक्ति से सँसार का पालन करते हैं उनसे प्रार्थना हैं कि वे हमें जीवन व मृत्यु के बंधन से मुक्त करें और हमें दिखा दे कि हम कभी भी अपनी अमर प्रकृति से अलग नहीं होते हैं!!!)
#अन्यायपार्जित वित्त दश वर्षाणि तिष्ठति प्राप्ते चैकादशवर्ष समूल तद विनश्यति!!!
(अन्याय या गलत तरीके से कमाया हुआ धन दस वर्षों तक रहता हैं लेकिन ग्यारहवे वर्ष वह मूलधन सहित नष्ट हो जाता हैं!!)
#सविशॉपयमर्तयते भवाछवमुण्डाभरणोपि पावन:
भव एव भवान्तकं:सत्ता समधखिवषमेक्षनोपि सन्!!!
(है शम्भो आप विषसहित होते हुए भी अमृत के समान हैं शवों के मुंडो से सुशोभित होते हुए भी पवित्र हैं स्वयं जगत के उत्पादकद्ध भव होते हुए भी सज्जनों के या संतो के सांसारिक बंधरध को दूर करने वाले हैं आप विष्मनेत्रा अर्थात तीन नेत्रा, सूर्य, अग्नि, चंद्र नेत्राद्ध वाले होते हुए भी समदृष्टि अर्थात पक्षपात रहित हैं!!!)
#नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय!!!
(जो शिव नागराज वासु कि का हार पहिने हुए हैं तीन नेत्रों वाले हैं तथा भस्म की राख को सारे शरीर में लगाये हुए हैं इस प्रकार महान ऐश्वर्य सम्पन्न वे शिव नित्य अविनाशी तथा शुभ हैं दिशाएँ जिनके लिए वस्त्रों का कार्य करती हैं अर्थात वस्त्र आदि उपाधि से भी जो रहित हैं ऐसे नीरवचछितर उस नकार स्वरुप शिव को मैं नमस्कार करता हूँ!!!)
Shiv Mantra in Sanskrit
#निराकारमोकरमुल तुरीय गिराज्ञानगोतीतमिश गिरीश
कराल महाकालकाल कृपाल गुणगारसँसारपार नतोहं!!!!
#नमस्ते भगवान रूद्र भास्करामित तेजसे
नमो भवाय देवाय रसायाम्बुमयात्मने!!!
#नमामिशमीशान निर्वाणरूपं विभु व्यापक ब्रह्मवेदस्वरूपं निज निर्गुण निर्विकल्प निरिह चिदाकाशमाकाश्वाश भजेहं!!!
#सदुपायकथास्वपण्डितो ह्रदये दुःखशरेण खंडित:
शशिखण्डमंडन शरण यामी शरण्वमिरम्!!!
#ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रयोदयात!!!
#ॐ त्रयम्बके यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम उर्वारुक्मिव बन्धनान मृत्योमुर्क्षीय मार्मतात्!!!
#सदावसन्तं हृदयारविन्दे भव भवानीसहित नमामि!!!
Shiv Stuti in Sanskrit
#देवमूनपिर्वरारचतीलङगिं कामदः करुणा करलड़ंगीम्
रावणदर पवनिशांनलङगिं तत् परणंमामा सदाशविलङगिं!!!
#शुक्लाम्बर धर विष्णु शशि वर्णम् चतुर्भुजम्
प्रसन्न वदन ध्यायते सर्व विघ्नोपशान्तये!!!
#ॐ स्थिर: स्थाणु: प्रभुभिम: प्रवरों वरदौ वर:
सर्वात्मा सर्वविख्यात: सर्व: सर्वकरो भव:!!!
#जटि चर्मी शिखंडी च सर्वाग: सर्वभावन:
हर्श्व हरिणाक्षश्व सर्वभूतहर: प्रभु:!!!
#प्रर्वर्तीश्व निर्वर्तीश्व नियत: शाश्वतो ध्रुव:
श्मशानवासी भगवान खचरो गोचरोवर्दन:!!!
Shiv Vandana in Sanskrit
#सर्व मंगल मांगल्ये शिवे स्वार्थ साधिके
शरण्येत्र्यंबके गोरी नारायणी नमोअस्तुते!!!
#यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय!!!
#ॐ महादेवाय विघ्नहे रुद्रामूर्तये धीमहि तंन् शिव: प्रयोदयत!!!
#नृतावसाने नटराज राजो नेनाद ढक्का नवपंचवरम्
उद्धतुकाम: सनकादिसिद्धान् ऐतदिमर्ष शिवसूत्रजालम्!!!
#कनक महामणि भूषित लिंगम फनीपति वेष्ठित
शोभित लिंगम दक्ष सुयज्ञ निनाशन लिंगम तत्
प्रणमामि सदाशिव लिंगम!!!
#शिवाय गौरीवदनाबजवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकराय नमः शिवाय!!!
#ॐ नमः शिवाय शान्ताय कारणत्राय हेतवे
निवेदयामी चतमं त्व गति परमेश्वर!!!
#ॐ महादेव महात्रणा महायोगी महेश्वर
सर्वपाप हरा देव मकाराय नमो नमः!!!
#वंदे ईशान देवाय नैसत्तामे पिनाकिन
आदिमध्यते रूपाय मृत्युनाश करोतु में!!!
#नमस्तस्मै भगवते कैलासचाल वासिने
नमोब्रह्मन्द्र रूपाय मृत्युनाश करोतु में!!!
#नामोधन्द्रू स्वरूपाय नमो दिग्वासनाय च नमो भक्तकर्ति हन्तर च मम मृत्युविनाशाय!!!
#अज्ञानान्धकनाशक शुभकर विद्याशु सौख्य प्रदम
सर्व सर्वपति महेश्वर हर मरत्युजय भावये!!!