आज हम आपके साथ मकर संक्रांति निबंध शेयर कर रहे है, जो उन स्टूडेंट के लिए उपयोगी है, जो अभी स्कूल में है और जिन्हें Holiday Homework के तौर पर इस विषय पर essay लिखने का वर्क मिला हो।
स्कूल के बड़े-छोटे क्लास के स्टूडेंट को देखते हुए हम इस पोस्ट में Best 3 Essays शेयर कर रहे है, जिनमे से आप अपने अनुसार निबंध को उपयोग कर सकते है-
अनुक्रम
Makar Sankranti Essay in Hindi
Makar Sankranti Par Nibandh (100 Words)
हर नए साल के पहले महीने में मनाए जाने वाला मकर संक्रांति साल का पहला प्रमुख हिन्दू त्यौहार है। यह त्यौहार धर्म के अलावा वसंत ऋतु के आगमन का सूचक भी है। जिसके बाद रातें छोटी हो जाती है, मौसम में गर्माहट आने लगती है, जो ठंड और गरम को संतुलित बना देती है, जिसे ही वसंत ऋतु कहते है।
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खैर इस दिन पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ इस उत्साह भरे पर्व को मनाया जाता है। जिसे क्या बच्चे-क्या बूढ़े सभी छतों पर पतंग उड़ाते हुए नजर आते है। जैसे मानो सभी बचपन काल में जी रहे हो। वही इस दिन तिल, गुड, गज़क, घेवर जैसे मीठे पकवानों का सेवन किया जाता है।
Makar Sankranti Essay (200 Words)
भारत में जितनी विविधता है, उतनी ही यहाँ त्यौहारों का भरमार है। जिसकी शुरुआत मकर संक्रांति के साथ होती है। जिसके बाद से ही हिन्दू धर्म में बड़े-बड़े कार्यों का शुभारंभ होता है। इसलिए इस पर्व का बड़ा ही महत्व है। इसके अलावा इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है, जिससे राते छोटी और दिन लंबा होने लगता है। जिसके कारण इसका नाम मकर संक्रांति पड़ा है। खैर इस दिन के बाद से मनमोहक और समृद्धि की प्रतीक वसंत ऋतु प्रवेश करती है।
इस त्यौहार को सामान्यात हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, पर कुछ मौकों पर हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 13 जनवरी और 15 जनवरी को भी मनाया गया है।
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इस पावन पर्व को तो पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अलग-अलग राज्यों में इस भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे इस तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात और उतराखंड में उत्तरायण, उत्तरप्रदेश में खिचड़ी, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब में माघी, कश्मीर में शिशुर सेंक्रात, कर्नाटक में मकर संक्रमण और बाकी राज्यों में मकर संक्रांति कहा जाता है।
इस दिन तिल का बहुत बड़ा महत्व होता है, ऐसा माना जाता है, बिना तिल के इस पर्व की पूर्ण संपनता नहीं होती है। जिसके कारण भगवान को तिल और तिल से बने व्यजन का भोग लगाया जाता है और लोग सेवन भी करते है।
Uttarayan Essay In Hindi (300 Words)
प्रस्तावना
जब पूरा विश्व जनवरी महीने में नए साल की खुशियों की पार्टी से बाहर हो रही होती है, तब भारत में त्यौहारों की आगमन की शुरुआत होती है, जिसका अग्रज नए उत्साह और समृद्धि का प्रतीक मकर संक्रांति है। जिसे हर जनवरी के 15 तारीख को मनाया जाता है, जो हिन्दू कैलेंडर के पौष महिने में पड़ता है।
यह पर्व ना केवल भारत में ही मनाया जाता है, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और अमेरिका में भी मनाया जाता है, जहां हिन्दू धर्म को मनाने वाले रहते है। जिसके कारण इस त्यौहार को साल के शुरुआत का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है।
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मकर संक्रांति कब मनाया जाता है
इस त्यौहार को पौष माह में मनाया जाता है, जिसे दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है।
मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है
इस पर्व को मनाने के पीछे कई कारण बताए जाते है, पर यहाँ हम आपको सबसे प्रचलित कारण बताने जा रहे है।
पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए उनके घर जाते है। हम आपको बता दें, ऐसा कहा जाता है शनिदेव मकर राशि के स्वामी है, जिसके कारण इस समय को मकर संक्रांति कहा जाता है।
वही एक और ऐतिहासिक कारण प्रचलित है, जो महाभारत से, इस दिन पितामह भीष्म ने अपने प्राण को त्याग दिये थे और मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर गंगा नदी भागीरथ के पीछे चल कर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर तक पहुंची थी।
वैज्ञानिक मानते है कि इस दिन सूर्य पूर्व दिशा से उदय होकर पश्चिम दिशा से होते हुए दक्षिण दिशा में अस्त होते है। जिसके कारण दिन बड़ा और राते छोटी होने लगती है। जो बसंत ऋतु के आगमन का सूचक भी है।
मकर संक्रांति को कैसे मनाया जाता है?
बेशक इस त्यौहार को पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता हो, पर सभी राज्यों में इसे भिन्न-भिन्न तरीको से मनाया जाता है। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों में पतंगे उड़ाया जाता है और घेवर, तिल के लड्डू, गज़क आदि मीठे पकवान का सेवन किया जाता है। वही बिहार में इस दिन चूड़ा, गुड़, दही, तिलकुट को खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है।
उपसंहार
चाहे इस त्यौहार को अलग-अलग जगहों पर उतरायन, पोंगल, माघी कहा जाता हो, पर सभी इस दिन तिल को अपने भोजन में जरूर शामिल करते है, जो विविधता में एकता का प्रतीक बन जाता है। खैर भारत के अधिकतर राज्यों के लोग छतों पर पतंग उड़ाना बेहद पसंद करते है, जो आजकल के भागदौड़ की जिंदगी को रिचार्ज कर जाती है। इसलिए इसे जोश का त्यौहार कहे तो गलत नहीं होगा।
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