खेलोंगे-कूदोगें तो बनोगे बेकार, पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे होशियार। बेशक यह कहावत हम आप पर फिट बैठता हो। पर दुनियाँ में कुछ ऐसे भी लोग है, जो पढ़ाई लिखाई में होशियार होते हुए भी पढ़ाई के उलट क्षेत्रों में अपना मंजिल तय करने का रिस्क बड़े चाव से लेते है। जी हाँ ऐसे ही है, Indian Cricket Team के Rahul Dravid माने जाने वाले KL Rahul है, जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा 90 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी ।
चाहते तो वे इंजीनियर या डॉक्टर बन सकते थे। पर उन्होंने अपने बचपन के इंटरेस्ट Cricket के साथ जीने का दृढ़ निश्चय किया। जिसके रिजल्ट को आप और हम अच्छी तरह से जानते है। KL Rahul ने अपनी अभूतपूर्व बैटिंग स्किल से वो कर दिखाया, जिसे Indian Cricket के 40 वर्षों में कोई भी नहीं कर सका। इस Hindi Biography द्वारा KL Rahul की इन्हीं सब बातों और बैक स्टोरी को जानेंगे।
अनुक्रम
KL Rahul Hindi Biography (Wiki)
Parents
KL Rahul का जन्म मैंगलोर में हुआ था। राहुल के पिता, डॉ. के एन लोकेश सुराथकल स्थित एनआईटीके में डिपार्टमेंट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के हेड और एक प्रोफेसर है और उनकी माँ, राजेश्वरी मंगलौर यूनिवर्सिटी में हिस्टरी की प्रोफेसर है।
परिवार में राहुल के अलावा उनकी एक छोटी बहन भी है, जिनका नाम भावना है।
Childhood
KL Rahul के पिता, डॉ. लोकेश एक बड़े एकेडेमिक होने के बावजूद भारतीय क्रिकेट के लिजेंड सुनील गवास्कर के बड़े फैन थे। जिस कारण वे अपने बेटे का नाम सुनील गवास्कर के बेटे के नाम पर रखना चाहते थे। पर उन्होंने गलती से रोहन के बजाय राहुल रख दिया। पर जबतक उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ, तब तक राहुल का बर्थ सर्टिफिकेट बन चुका था।
पिता का क्रिकेट के प्रति जुनूनी दिवांगी का ही असर था कि राहुल बचपन से ही क्रिकेट के बड़े दीवाने थे।
इस बारे में उनके पिता, डॉ लोकेश कहते है,
राहुल छोटे से उम्र में ही क्रिकेट खेलने लगा था। पर मैंने देखा, वो कुछ ज्यादा ही क्रिकेट में इंटरेस्ट लेने लगा। फिर मैंने उससे कहा, राहुल यदि तुम क्रिकेट के साथ-साथ अपने पढ़ाई को भी तव्व्जो दोगों, तभी तुम अपने क्रिकेट को कैरी ऑन रख सकते हो।
राहुल ने अपने पिता की बात मानी और अपने दोनों प्रारम्भिक इंटरेस्ट पर बराबर ध्यान देने लगे।
इसका रिजल्ट जल्दी ही देखने को मिला, जब एनआईटीके के मैदान में मैच खेलते हुए पड़ोसी-घरों के खिड़कियों के काँच टूटने लगे। पर 11 वर्षीय राहुल उस वक्त टेनिस की बॉल से क्रिकेट खेला करते थे।
उसी समय मैंगलोर जिले की अंडर-13 की टीम का सेलेक्शन हो रहा था, राहुल भी अपने पिता के साथ वहाँ गए। पर सेलेक्ट होने में नाकामयाब रहे।
Cricket Training
पर पिता अपने बेटे की क्रिकेटिंग स्किल से पूरी तरह से वाकिफ थे, इसलिए उन्होंने राहुल को औपचारिक क्रिकेट सीखाने के लिए दक्षिण कन्नड़ क्रिकेट एसोसिएशन की नेहरू मैदान ले गए, जहां क्रिकेटिंग गुरु सेमुअल जयराज से उनकी क्रिकेट की प्रारम्भिक शिक्षा स्टार्ट हुई।
पर 11 वर्षीय KL Rahul की शुरुआती क्रिकेटिंग सफर इतना आसान ना था, उन्हें रोज सुराथकल स्थित स्कूल से 20 किमी दूर एकेडमी तक पहुँचने के लिए बस में घंटों समय बिताना पड़ता था।
पर राहुल हमेशा से क्रिकेट सीखने में सबसे आगे रहे। इस बारे में उनके बचपन के कोच, जयराज कहते है,
राहुल लगभग सभी बच्चों में सबसे छोटा था। इसलिए हम उसे विकेट्स अपने पास रखने के लिए कहते थे। इस कारण उसमें विकेट किपिंग करने की इच्छा जगी, जो उसके के लिए फायदे का ही सौदा रहा। छोटी सी उम्र से विकेट किपिंग करने से उसे बॉलरों के हाथ और गेंद को नजदीक से देखना आ गया। यह आदत उसकी बैटिंग स्किल को मजबूत करने में बहुत बड़ा मददगार रहा।
जल्द ही राहुल अपनी उम्दा बैटिंग परफ़ोर्मेंस से अपनी मैंगलोर टीम पर धाक जमाने लगे। इस बात की पुष्टि करते हुए कोच जयराज कहते है,
जब राहुल जल्दी आउट हो जाता था, तब पूरी मैंगलोर की टीम 100 रन के अंदर ऑल आउट हो जाता था। पर जब वो अच्छी नोक खेलता तो, उसके बलपर मैंगलोर बैंगलोर जैसी बड़ी टीमों को आसानी से हरा देता था। ओवर में दो टूज, बाउंड्रीज और अंतिम बॉल पर सिंगल लेकर स्ट्राइक अपने पास रखना, उसके बैटिंग स्टाइल की पहचान थी।
KL Rahul अब तक मैगलोर की अंडर-13 टीम में सिलैक्ट हो चुके थे।
जब राहुल द्रविड़ मुरीद हुए
एक दिन वह चिन्नास्वामी स्टेडियम में इसी केटेगरी से रिलेटिड़ मैच खेल रहे थे और वहाँ पहले से ही द इंडियन वाल राहुल द्रविड़ मौजूद थे। KL Rahul ने भी मौके पर चौका मारते हुए डबल सेंचुरी मार डाला।
द्रविड़ बड़ा इम्प्रेस हुए और उनके कोच से कहा,
इसका अच्छे से ख्याल रखना
कोच गर्व से कहते है,
मुझे जानकार बड़ा खुशी हुई कि राहुल भारतीय क्रिकेट लिजेंड द्रविड़ का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहा। इससे मुझे बड़ा तसल्ली हुआ कि वो सही रास्ते पर है।
KL Rahul को मैंगलोर में कर्नाटक के पूर्व खिलाड़ी सोम्सेखर शिरगुप्पी और जीके अनिल कुमार के छत्रछाया में भी रहने को मिला, जिनसे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला।
जिस कारण राहुल प्रारम्भिक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन चुके थे, इसलिए अब मैंगलोर में उनके लिए सीखने के लिए कुछ भी ना था।
Under-19 World Cup Debut
17 साल की उम्र में राहुल अपने फ़ैमिली के साथ बैंगलोर में शिफ्ट हो गए। जहां उन्हें अपनी बेहतर खेल के लिए जल्द ही बड़ा इनाम मिला, जब 2010 का साल उनके लिए तिहरी खुशी का मौका लेकर आया।
एक ओर उनका सेलेक्शन अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में हुआ और वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के लिए खेलते हुए पंजाब के खिलाफ फ़र्स्ट क्लास मैचों में डेब्यु करने का मौका मिला और तीसरी ओर लिस्ट ए के लिए हैदराबाद के खिलाफ डेब्यु किया। जहां उनका तीनों ही डेब्यु शानदार रहा।।
राहुल का फ़र्स्ट क्लास मैचों का पहला सीजन रनों के पहाड़ों से भरा पड़ा रहा। उन्होंने 2010-11 के सीजन में 1033 रन बनाये। जिसमें उन्होंने तीन यादगार शतक भी बनाये और फ़ाइनल मैच में महाराष्ट्र के खिलाफ 131 रनों की दर्शनीय पारी खेली।
क्या आप विश्वाश कर सकते है ? इतने शानदार डेब्यु सीजन के बावजूद उन्हें कर्नाटक टीम से बाहर निकाल दिया गया था।
फ्रेंड, उन्हें टीम से बैक इंजरी के कारण निकाल दिया गया था, जिसके कारण वे 2011-12 के सीजन में एक भी मैच नहीं खेल सके। सीजन 2012-13 के लिए पूरी तरह फिट थे, पर उनका परफ़ोर्मेंस औसत रहा।
पर वे कभी रुके नहीं और अपनी बैटिंग स्किल के बदौलत 2013-14 के सीजन में 1158 रन बनाकर, सबसे अधिक रन बनाने के मामले में केदार जाधव के बाद दूसरे खिलाड़ी रहे।
इसी सीजन में उन्होंने गोवा के खिलाफ कर्नाटक को जिताते हुए टी-20 मैचों में डेब्यु किया।
Test Match Debut
KL Rahul द्वारा 2013-14 के सीजन में बनाए गए रनों के अंबार से बीसीसीआई को रिझाना को पर्याप्त था। बीसीसीआई की सेलेकशन टीम ने उन्हें 2014 के ऑस्ट्रेलिया टूर के लिए रोहित शर्मा के रिपलेसमेंट के तौर पर चुना।
पर वे दोनों पारियों में 3 और 1 रन बनाकर सफल डेब्यु करने में नाकाम रहे, पर उन्हें इस टूर पर विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी और अजिंक्य रहाने जैसे बड़े खिलाड़ियों से बहुत कुछ सीखने को मिला।
IPL Debut
कर्नाटक का तेजी से उभरता हुआ खिलाड़ी होने के कारण उन्हें 2013 में रॉयल चैलेंजर बैंगलोर द्वारा खरीद लिया गया, जहां उन्हे पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कीपिंग करने का सुनहरा मौका मिला।
साल 2014 KL Rahul के लिए कुछ खास था, वे साउथ जॉन के लिए खेलते हुए सेंट्रल जॉन के विरुद्ध दलीप ट्रॉफी के फाइनल मैच के दोनों पारियों में शानदार शतक (185, 130) लगाए और उत्तर प्रदेश के खिलाफ रणजी मैचों में 448 बॉलों पर 337 रन बना, तिहरा शतक मारने वाले कर्नाटक के पहले खिलाड़ी बने।
और रणजी मैच के फ़ाइनल में तमिलनाडु के खिलाफ 188 रन बनाए। इस तरह उन्होंने मौजूदा साल के रणजी सीजन में 93.11 की लाजवाब औसत से रन बनाये।
इसी साल के आईपीएल सीजन में वे सनराइज़ हैदराबाद की ओर से खेले और 2016 को वे पुन: अपनी पुरानी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर बैंगलोर से जुड़ गए।
ODI Match Debut
KL Rahul ने आईपीएल मैचों में शानदार परफ़ोर्मेंस कर 2016 में ज़िम्बाबे के दौरे पर गई भारतीय ओडीआई और टेस्ट टीम के लिए टिकट कटाया।
जहां उन्होंने 11 जून 2016 को ज़िम्बाबे के खिलाफ खेले गए पहले ओडीआई मैच में वो करके दिखाया, जिसे भारतीय क्रिकेट के 40 वर्षों में किसी ने भी नहीं कर सका। जी हाँ उन्होंने ओडीआई डेब्यु मैच में शतक ठोक, 40 वर्ष के भारतीय क्रिकेट में एक नया इतिहास रच दिया। वे ऐसा करने भारत के पहले और एकमात्र खिलाड़ी है।
मौजूदा सीरीज में उन्होंने 196 रन बनाये और एक बार मेन ऑफ द मैच और मेन ऑफ द सीरीज का अवार्ड जीतने में सफल रहे।
Personal Life
पैरेंट्स का एकेडेमिक्स होने के कारण राहुल का व्यवहार और स्वभाव बड़ा मृदुल है और हर काम बड़े आत्म-विश्वाश के साथ करते है। जिस कारण वो अपने पैरेंट्स के इच्छा के खिलाफ क्रिकेट को अपना कैरियर बना सके।
Education
वैसे KL Rahul का प्रारम्भिक शिक्षा एनआईटीके इंग्लिश मीडियम स्कूल से हुआ। पर जब वे अपना स्कूल पूरा कर लिए थे, तब उनके पैरेंट्स की मंशा थी कि उनका बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करे।
पर वे अपने बेटे के सपने को सच होते देख, अपनी इच्छा को दबा लिये और KL Rahul को श्री भगवान महावीर जैन कॉलेज, बैंगलोर से B.Com करने को इजाजत दे दिया। जिसे वे पूरा कर चुके है।
Quick Fact
Full Name – Kannaur Lokesh Rahul
Date of Birth – April 18,1992
Age – 24 Years (2016)
Birth of Place – Manglore
Height & Weight – 5’11” & 74 KG
Father – KN Lokesh
Mother – Rajeshwari
Sister – Bhavna
Brother – NA
Wife – NA
Girlfriend – NA
कुछ सवाल जवाब
हॉबी – टेटूज, टेनिस खेलना और म्यूजिक सुनना
पसंदीदा खिलाड़ी – राहुल द्रविड़ और विराट कोहली
पसंदीदा भोजन – जापानी फूड, समुद्री फूड और डोसा
पसंदीदा म्यूजिक – लिंकिन पार्क
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(Pix – Google Image)