दुनियाँ में ऐसे लोग बड़ा जल्दी सफल होते है, जो छोटी-सी उम्र में ही अपने जीवन जीने का रास्ता खुद चुनते है। पर यह सब करना आसान नहीं होता है, लेकिन ऐसे काम जुनूनी और शौकियाँ इंसान ही कर सकते है। कुछ ऐसे ही जुनूनी इंसान है, Indian Cricket Team के नए bowling Hero, Jasprit Bumrah।
जिनका जीवन जीने का एक ही मकसद है, वो है एक बेहतर बॉलर बनना। इसलिए चाहे उनका मूड हो या ना हो, वो कभी भी प्रैक्टिस सैशन मिस नहीं करते है और खुद अपनी बॉलिंग की रिकॉर्डिंग देखते है और कमियाँ मिलने पर उसमें सुधार करके ही चैन की सांस लेते है।
Friend, आज Jasprit Bumrah जिस मुकाम पर है, उनके पीछे उनकी साहसी माँ दलजीत कौर का बड़ा हाथ है।
आखिर कैसे पिता के अभाव में जसप्रीत और बिना पति के एक माँ ने अपने दोनों संतानों के सपना को पूरा करने के लिए संघर्ष की ? आप इन्हीं सब को इस Hindi Biography द्वारा जानेंगे…
अनुक्रम
Jasprit Bumrah Hindi Biography (Wiki)
Childhood & Parents
Jasprit Bumrah का जन्म अहमदाबाद, गुजरात के सिख परिवार में हुआ था। उनके स्वर्गीय पिता, जसबीर सिंह बूमराह एक बिजनेस-मेन थे, जो एक कैमिकल फैक्ट्री चलाया करते थे और माँ, दलजीत कौर निर्माण हाई स्कूल, अहमदाबाद की प्रिन्सिपल है।
परिवार में जसप्रीत के अलावा एक बड़ी बहन, जुहीका कौर, भी है, जिनका 2016 के शुरुआत में विवाह हो चुका है।
जब जसप्रीत मात्र 7 साल के तब उनके पिता का हेपिटाइटिस बी के कारण देहांत हो गया। जिसके बाद पूरे परिवार का भार उनकी माँ पर आ गया। जिसे वे अब तक बखूबी अच्छी तरह से निभाते आई है।
बरहाल पढ़ाई में कमजोर रहे जसप्रीत रोहित शर्मा की तरह बचपन से ही क्रिकेट के बड़े दीवाने थे।
Education
वैसे उनकी प्रारम्भिक शिक्षा उस स्कूल से हुई, जहां उनकी माँ प्रिन्सिपल थी। फिर भी वे पढ़ाई के बजाय क्रिकेट को ज्यादा चाहते थे। बैटिंग साइड से नहीं, बॉलिंग साइड से।
Teenager Age
जब वे 12 साल के हुए तो वे समझने लगे कि उनका यह क्रिकेटिंग जुनून एक सपना है, ना की एक शौक। इसलिए वे अपनी बॉलिंग को लेकर गंभीर हो चुके थे।
दिन-रात, घर-पड़ोस, स्कूल-क्लब और सड़क-गल्ली, जहां भी उन्हें थोड़ा सा भी जगह मिलता, वहीं वे बैग से अपना बॉल निकालकर शुरु हो जाते थे।
बॉल दीवार या जमीन से टकराती, ऊपर उछलती और सीधे जसप्रीत के हाथों में चिपक जाती थी, जैसे लगता हो, उनके दूसरे तरह कोई मंझा हुआ बैट्समेन हो, जिसकी प्रैक्टिस की ज़िम्मेदारी ले रखी हो।
ऐसी ही एक घटना को याद करते हुए जसप्रीत की माँ, दलबीर कौर कहती है,
गर्मी का मौसम था, मैं थोड़ी आराम कर रही थी। जसप्रीत बॉलिंग प्रैक्टिस कर रहा। बॉल उसके हाथ से निकलती, दीवार से टकराती और उसके हाथ में। पर इसके बॉल के टकराने के आवाज से मैं परेशान हो रही थी। मैं उसे बाहर भी नहीं भेज सकती, क्योंकि चिलचिलाती धूप की दोपहर थी। इसलिए मैंने कहा कि जसप्रीत आवाज करना बंद करो। अगर बॉलिंग प्रैक्टिस करनी है तो तुम्हें बिना आवाज के करना होगा।
दलबीर आगे कहती है,
जसप्रीत नहीं रुका, बल्कि अब वो बॉल को दीवार और फर्श के जाइंट के पास टकराने लगा, जहां बेहद कम आवाज होता है।
अन्य बच्चों की तरह जसप्रीत भी शुरुआत में किसी फेमस बॉलर के एक्शन की कॉपी किया करते थे, पर धीरे-धीरे उनका खुद का बॉलिंग एक्शन बन गया, जो अब तक बरकरार है।
जब जसप्रीत 14 साल के हुए तो, उन्हें विश्वास होने लगा कि वे एक अच्छा बॉलर बन सकते है। इसलिए उन्होंने जल्द ही अपनी माँ को अपने सपने से अवगत कराया।
पर माँ चाहकर भी उन्हें मना नहीं कर पाई, क्योंकि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपने स्कूल में बच्चों को बताई थी कि सबके पास कुछ बनने या करने का सपना होना चाहिए, जिसको सपोर्ट करना हर पैरेंट्स का कर्त्तव्य होता है।
अब जसप्रीत एक शेड्यूलड़ जीवन जी रहे थे, तरके सुबह वे बॉलिंग प्रैक्टिस के लिए घर से निकलते और स्कूल पूरा करने के बाद शाम में बॉलिंग ट्रेनिंग के लिए चले जाते थे।
इस तरह लगातार बॉलिंग ट्रेनिंग और प्रैक्टिस के बदौलत वे अपने क्षेत्र के प्रभावशाली बॉलर बन चुके थे। जिस कारण उन्हें गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कैंपों में बॉलिंग ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाने लगा। जल्द ही वे उन कैम्पो में टॉप साबित हुए।
अब जसप्रीत घरेलू बॉलरों में काफी पोपुलर हो चुके थे। इसलिए उनपर एमआरएफ़ पेस फाउंडेशन की नजर पड़ी।
यह वही बॉलिंग ट्रेनिंग संस्था है, जहां ग्लेन मेक्ग्राथ जैसे दुनियाँ के बेहतरीन बॉलर्स भारतीय बॉलर्स तैयार करते है।
अब वे इस संस्था से बॉलिंग की ट्रेनिंग लेने लगे और कुछ समय के बाद नेशनल क्रिकेट एकेडमी के ज़ोनल कैंप में भी शिरकत करने लगे।
उनके बचपन के दोस्त कहते है,
शुरू से ही सभी जसप्रीत के बॉलिंग एक्शन से संतुष्ट थे, इसलिए उनकी बॉलिंग एक्शन हमेशा वही रही, जो बचपन में था।
एमआरएफ़ पेस फाउंडेशन के कोच मेक्ग्राथ जसप्रीत की बॉलिंग स्किल से प्रभावित होते हुए कहते है,
यह डिफ़ेरेंट है। इसे केवल अपने स्ट्रेंथ और वेरिएशन पर काम करना चाहिए।
Gujrat Under-19 Debut
Jasprit Bumrah को जल्द ही गुजरात अंडर-19 टीम में सेलेक्ट कर लिया गया।
अगला मैच बैटिंग फ्रैंडली पिच वाले राजकोट में था। इसके बावजूद उन्होंने धमाल मचाते हुए पहले ही मैच में 7 विकेट लेकर बैट्समेनों की नींद हराम कर दिया।
गुजरात रणजी टीम के कोच बड़ा प्रभावित हुए और बड़े उत्साह से कहते है,
इसे पढ़ना बड़ा मुश्किल है। कभी बाउंसर डाले तो कभी यॉर्कर। अभी तो यह काफी छोटा है, पर इसके वेरिएशन्स को तो देखों। लाजवाब है। इसलिए हमने डिसाइड किया है कि पुणे में होने वाले सैयद मुश्ताक अली टी-20 चैंपियनशिप में भी इसे पीक करेंगे।
“दुख-सुख की धूप-छाँव से आगे निकल गए,
हम ख्वाइशों के गाँव से आगे निकल गए,
तूफान समझता था कि हम डूब जाएंगे,
आँधी में हम हवायों से आगे निकल गए।“
स्वभाव से शांत जसप्रीत ने अपने साहस और हौसलों से हर मुसीबतों पर विजय पाया और अपने जुनूनी सपने को साकार करने के लिए हमेशा तत्पर रहे।
यहीं कारण था, कि अब तक उन्हें जितने भी मौके मिले, सबमें वे खरा उतरने में कामयाब रहे। जिसका सुनहरा फल उन्हें जल्द ही मिला।
जब वे पुणे में टी-20 के मैच खेल रहे थे। तब वहाँ भारत के पूर्व कोच और मुंबई इंडियंस के मेंटर जॉन राईट मौजूद थे। इस मैच वे अपना पिछला प्रदर्शन दोहरा नहीं सके, पर फिर भी वे अपने बेहतरीन 6.58 रन रेट से जॉन राईट को इंप्रेस करने में सफल रहे।
पर उस वक्त जॉन राईट ना ही उनसे मिले और ना ही उनके बारे में कुछ कहा।
पर कुछ दिनों बाद ही जसप्रीत को मुंबई इंडियंस से कॉल आया। उन्होंने बिना क्षण गँवाए, उस ऑफर को असेप्ट किया और मुंबई इंडियंस के होम में पहुँच गए।
यहाँ आकर पहली बार वे सचिन तेंदुलकर, लसीत मलिंगा, मिशेल जोहसन, अनिल कुंबले और रिकी पोंटिंग जैसे स्टार्स से मिले।
बाद में जॉन राईट, जसप्रीत के द्वारा पुणे में किए गए बॉलिंग के बारे में कहते है,
उसके एक्शन में कुछ खास था। वो ऐसा सिचुएशन क्रिएट करता था कि जैसे कि वो अब बॉल फेंकने वाला हो।
मुंबई इंडियंस होम में आकर जसप्रीत को मलिंगा और जोहसन से बहुत सीखने को मिला।
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IPL Debut
कुछ दिनों बाद 2013 का सीजन स्टार्ट हुआ और Jasprit Bumrah को रॉयल चैलेंजर बैंगलोर के खिलाफ डेब्यु करने का मौका मिला।
इस डेब्यु मैच, जब वे बॉलिंग करने आए तो उनका सामना इंडियन बैटिंग स्टार विराट कोहली से हुआ। विराट ने उनके शुरुआती बॉलों पर लगातार तीन चौके लगाये।
तब सचिन उनके पास आए, जो मिड ऑफ पर फील्डिंग कर रहे थे, और कहा,
चिंता मत करो, एक अच्छी बॉल डालों, तुम्हारी किस्मत बदल जाएगा।
ठीक यही हुआ। अगली बॉल में विराट कोहली को पगबाधा आउट कर सनसनी फैला दिया। इसके साथ 3 विकेट लेकर वे डेब्यु मैच में छा गए।
अक्सर नए बॉलरों की शुरुआत अच्छी होती है, पर बाद में पीटने लगते है। ठीक ऐसा ही जसप्रीत के साथ हुआ।
वे सीधे मलिंगा के पास गए और इस बारे में डिस्कस करने लगे। मलिंगा ने कहा,
आपके पास स्लोअर, फास्ट और योर्कर है। पर आपको और भी वेरीएशन्स लाना होगा और साथ ही प्रोपर बॉल स्पॉटिंग सीखना होगा।
मलिंगा द्वारा दिए गुरु मंत्र पर Jasprit Bumrah ने काफी पसीना बहाया।
प्रैक्टिस के दौरान दुनियाँ के बेहतरीन बॉलरों द्वारा डाली गई योर्कर्स को लैपटॉप पर देखते और सीखने की कोशिश करते। एक महीने के लगातार मेहनत के बाद उनका योर्कर पहले से ज्यादा घातक हो गया।
List A, First Class And T-20 Debut
बरहाल आईपीएल में अच्छे पर्फ़ोमेंस के कारण Jasprit Bumrah को गुजरात की ओर से लिस्ट ए, फ़र्स्ट क्लास और टी-20 मैचों में डेब्यु करने का मौका मिला।
जहां उन्होंने क्रमश:0,4,1 विकेट लेकर शानदार डेब्यु किया। उनकी डेब्युज की खास बात रही कि उनका रन रेंट किसी भी मैच में 5 से ज्यादा नहीं रहा।
शानदार डेब्युज का साल बितने के बाद 2014 में वे घुटने के दर्द से परेशान रहे।
दरअसल दलीप ट्रॉफी के एक मैच में उनके घुटने में गंभीर चोटे आ गई, जिससे उन्हें अपने घुटने का सर्जरी कराना पड़ा।
पर वे इस एक्सिडेंट से कुछ समय के लिए टूट चुके थे। वे डर रहे थे कि कहीं मेरा कैरियर बर्बाद ना हो जाए।
बरहाल वे कुछ महीनों के बाद डिस्चार्ज हुए और अपनी फिटनेस और बॉलिंग फॉर्म पाने के लिए कड़ी मेहनत करने लगे। करीब साल के अंत में वे अपनी पुरानी लय पाने में सफल रहे।
उनके ट्रैनर, कक्कड़ उत्साहित होते हुए कहते है,
जसप्रीत अब पहले से ज्यादा तेज और गुड लेंथ की बॉले फेंकता है।
ट्रेनिंग के दौरान Jasprit Bumrah में एक युनीक बात देखी गई कि चाहे वे मूड में हो या ना हो पर वे कभी प्रैक्टिस नहीं छोड़ते। खुद की बॉलिंग की रिकॉर्डिंग देखते है, उसमें कमियाँ खोजते है। कमी मिलने पर उसमें सदैव सुधार करने की कोशिस करते।
जसप्रीत के रणजी मैचों के मित्र जुनेजा उनकी बॉलिंग सीक्रेट खोलते हुए कहते है,
जसप्रीत चौड़े काँधें का स्वामी है। जिसके कारण उसका कोहनी एकदम सीधा रहता है और कलाई बॉल को गति देने में बड़ा सहायक है। इसके अलावा बॉल डिलीवरी के समय कुछ क्षण के लिए Pause हो जाता है, इस क्षण को वो पर्फेक्ट बॉल स्पॉट चुनने में करता है। इस तरह वो बैट्समेन को अपनी बॉलों से झकाने में सफल रहता है।
इस तरह उनका 2015 का क्रिकेटिंग सीजन काफी सफल रहा, जिसमें वे गुजरात की ओर से रणजी मैच में सेकंड हाईयेस्ट विकेट टेकर और दलीप ट्रॉफी में न. 1 विकेट टेकर रहे। इसके साथ वे आईपीएल में भी अपना बेस्ट देने में सफल रहे।
International Debut
आखिर कब तक इतनी वैराइटी वाला बॉलर Indian Cricket Team से बाहर रह सकता था, जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलियन टूर के लिए भारतीय टीम का सेलेक्शन हुआ। जिसमें मोहम्म्द शम्मी के रिपलेसमेंट के तौर पर Jasprit Bumrah को चुन लिया गया।
ऑस्ट्रेलियन टूर पर Jasprit Bumrah ने धमाल मचाते हुए डैथ ओवरों में ऑस्ट्रेलियन बैटिंग लाइन अप की हवा निकाल दी। जिसके बदौलत भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज को व्हाइट वॉश करते हुए 3-0 से जीतने में सफल रहा।
फिलहाल वे जिम्बाव्बे के टूर पर अपनी घातक बॉलिंग से विकेटों के ढेर लगा रहे है।
Personal Life
Jasprit Bumrah की बहन जुहीका के अनुसार,
जसप्रीत सदैव शांत रहता है। पर वो मुसीबतों से कभी नहीं डरता है और हमें भी मुसीबतों में अडिग रहने का संदेश देता है।
जुहीका अपने भाई की सफलता पर कहती है,
आज वो जो भी है, वो अपने कड़े मेहनत और दृढ़ निश्चय के करण है। और हाँ उसके सफलता में माँ का भी बड़ा योगदान है।
Quick Fact
Full Name – Jasprit Jasbir Singh Bumrah
Nick Name – JB
Date of Birth – Dec 6, 1993
Birth of Place – Ahmedabad, Gujrat
Height & Weight – 5’9” & 68 KG
Profession – Fast Bowler
Girlfriend– NA
Wife – NA
कुछ सवाल-जवाब
क्या वे स्मोक करते है – नहीं
क्या वे ड्रिंक्स करते है – नहीं
पसंदीदा खिलाड़ी – सचिन तेंदुलकर, एबी डी विलियर्स, वीरेंद्र सेहवाग, लसित मलिंगा, जहीर खान और कॉलिन क्रॉफ्ट
पसंदीदा अभिनेता – अमिताभ बच्चन
पसंदीदा फूड – ढोकला
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(Pix - Google Image)