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    diwali essay

    Best 4 Diwali Par Nibandh Hindi Mein [Deepavali Eassy 2022]

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    By Ravi Kumar on Oct 12, 2022 Diwali

    दीपावली भारत का सबसे बड़े त्यौहारों में से एक है। जिसे सभी धर्मों के लोग बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। ऐसे में स्कूलों में छुट्टी मिलती है, पर दिवाली Essay Task के साथ। इसलिए ये पोस्ट आपके लिए पेश कर रहे है-

    अनुक्रम

    • Diwali Essay in Hindi
      • दीपावली पर निबंध (100 शब्द)
      • दीपावली पर निबंध (200 शब्द)
      • Read Also: Best 101 Happy Diwali Status 2022
      • दीपावली पर निबंध (300 शब्द )
      • Read Also: Best 101 Happy Diwali Wishes Shayari 2022
      • दीपावली पर निबंद (600 शब्द )
      • Read Also: Best 71 Diwali Greeting Message & Quotes 2022
      • Read Also: Best 10 Diwali Rangoli Design & Images
      • Read Also: Best 27 Diwali Images & Wallpaper 2022

    Diwali Essay in Hindidiwali essay

    दीपावली पर निबंध (100 शब्द)

    दीपावली भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार में से एक है। दीपावली या दिवाली का अर्थ है दीपों की आवली या पंक्ति। यह त्यौहार  भारत के साथ-साथ  नेपाल में भी उत्साह से मनाया जाता है।

    दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है और इस दिन सभी लोग एक दूसरे को मिठाईया खिलाते है। हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि इस ही दिन प्रभु  श्री राम ने 14 वर्ष का वन वास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौट कर आए थे।

    इस ही खुशी के मौके पर लोगो में अपन-अपने घरों को दीपों से सजाया और पूरे अयोध्या में मिठाईया बाटीं  गई थी , तभी से ये परंपरा चली आ रही है।

    दीपावली पर निबंध (200 शब्द)

    भारत में मनाया जाने वाले प्रमुख त्यौहार में से एक त्यौहार दीपावली भी है। दीपावली या दिवाली का अर्थ है कि दीपों की आवली या पंक्ति। यह त्यौहार लगभग भारत के सभी राज्यों में मनाया जाता है।

    परंतु विभिन्न राज्यों में इसकी अलग-अलग मान्यता है। प्रमुखतया दिवाली हिन्दू धर्म के लोग इस त्यौहार  को अधिक उत्साह से मानते है। यह त्यौहार  कार्तिक मास के अमावस्या को मनाया जाता है।

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    इस दिन संध्या के समय लोग अपने-अपने घरों के अंदर और बाहर दीपों से सजाते है। माता लक्ष्मी की आराधना करते है तथा इस त्यौहार  उल्लेख हिन्दुयों के धर्म ग्रंथ रामायण में भी है।

    रामायण में वर्णन है कि ” कार्तिक मास के अमावस्या को प्रभु श्री राम के वनवास का 14 वर्ष पूरे हो गये थे और इस वे सहकुशल अपने राज्य अयोध्या लौट भी आए। इस खुशी के मौके पर पूरे राज्य को दीपों से सजाया गया और घरो में मिठाईया भी बटवायी गई थी। यह परंपरा आगे चल कर दीपावली का त्यौहार  बना।

    दीपावली पर निबंध (300 शब्द )

    भारत को त्यौहारो का देश कहा जाता है, क्योंकि शायद ही ऐसा कोई देश होगा जहाँ पर भारत से ज्यादा त्यौहार  मनाया जाता होगा। इसका मुख्य कारण ये भी सबसे ज्यादा धर्मों से लोग यही निवास करते है।

    दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म के लोग मानते है। हिन्दू धर्म में कुल 33 करोड़ देवी – देवता है। इस कारण हिन्दू धर्म में अत्यधिक त्यौहार मनाए जाते है। दीपावली शब्द दीप और आवली शब्द से मिल कर बना है अर्थात दीपों की आवली या पंक्ति अथवा कतार।

    हिन्दी कलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मानते है। इस दिन सभी लोग अपने घरो की सफाई कर के रात को दीपों से अपने घर, आँगन, गली और मौहल्ले को सजाते है। जगह-जगह दीपों की कतार होने के कारण अमावस्या को काली रात भी पुर्णिमा के समान  प्रकाश्मय हो जाती है।

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    इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई सारी प्रचलित कहानियाँ है। जैसे की रामायण के अनुसार ये माना जाता है कि इस दिन ही श्री राम ने अपने 14 वर्ष का वनवास पूरा कर के सकुशल अपने छोटे भाई लक्ष्मण और अपनी भार्या माता सीता के साथ अयोध्या लौट कर आए थे।

    इस खुशी के मौके पर संपूर्ण अयोध्या को दीपों से सजाया गया था और सभी के घरो में मिठाइया बटवाई गई थी। दूसरी और ये भी है कि इस ही दिन समुद्र मंथन से धन के देवी माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी और इस ही दिन श्री कृष्ण ने नरकासूर का भी वध किया था। इस ही दिन माता शक्ति ने माँ काली का रूप धारण किया था।

    अंत में ये कहा जा सकता है कि ये त्यौहार अंधकार पर प्रकाश के जीत का संदेश देने वाला त्यौहार है।

    दीपावली पर निबंद (600 शब्द )

    प्रस्तावना :- भारत त्यौहार का देश है। दीपावली भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख में से एक है। दीपावली हिन्दी के दो शब्दों से मिलकर बना है। दीप और आवली अर्थात पंक्ति या कतार। अंत में हम ये कह सकते है कि दीपावली का त्यौहार दीपों का त्यौहार है।  यह त्यौहार हिन्दी कलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस त्यौहार के आनंद बच्चे और जवान लेते है।

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    इस त्यौहार के पीछे की आस्था:- हिन्दुओ की  पवित्र धर्म ग्रंथ रामायण में वर्णन है कि प्रभु श्री राम ने लंका पति रावण का वध कर के अपने राज्य अयोध्या में सकुशल अपनी पत्नी माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ लौट आए थे। इस खुशी के मौके पर  सम्पूर्ण राज्य को सजाया गया था और सभी के घरो में मिठाईया बटवाई गई। यह परंपरा आगे चल कर दीपोंत्सव का पर्व बना।

    पंजाबी वर्ग के लोग की ये आस्था है कि 1577 में इस ही दिन अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर की नीव रखी गई थी और इस ही दिन सिखों के गुरु हर गोविंद सिंह रिहा हुये थे।

    भारत में एक अन्य मान्यता के अनुसार पूर्वी भाग में ये माना जाता है कि इस ही दिन माता शक्ति ने माँ काली का रूप धारण  किया था। इस कारण बंगाल उड़ीसा आदि राज्यों में माता काली की उपासना की जाती है।

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    दक्षिण भारत में ये मान्यता है कि इस ही दिन श्री कृष्ण ने असुरो के सरदार नरकसूर का वध किया था। इस कारण तमिलनाडु, चेन्नई आदि राज्यों में कृष्ण की भी उपासना की जाती है।

    भारत के आलावा इस त्यौहार को विदेशों में भी मनाया जाता है। कुछ तो वे देश है जहां भारतीयों की बहुलता की होने के कारण भी मनाया जाता है। जैसे – मलेशिया आदि

    श्रीलंका और नेपाल में भी इस त्यौहार की अपनी अलग ही मान्यता है।

    इस त्यौहार की एक मान्यता यह भी है की देवताओं और असुरो ने मध्य हो रहे समुद्र मंथन में से माता लक्ष्मण जी प्रकट हुई थी।

    दीपावली मनाने की विधि :-

    दीपावली आने से पहले ही घरों और गली-मौहले की सफाई की जाती है। उसके बाद संध्या के समय अपने – अपने घरो में तथा आंगन में भी दीपक को जलते है।  शुभ मुहर्त अनुसार पूजा के लिए आवश्यक सामग्री को एकत्र कर लेते है।

    उसके बाद एक चौकी ले उस पर साफ लाल कपड़ा बिछा लेते है। उसके बाद माता लक्ष्मी, गणेश एवं माँ सरस्वती की मूर्ति को स्थापित करते है। उसके बाद गंगा जल से पूजा के स्थान को, मूर्ति और स्वंय को पवित्र करते है।

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    उसके बाद कलश की स्थापना करते है एवं नियमानुसार सबसे पहले गणेश जी की फिर लक्ष्मी माता की और अंत में सरस्वती माता की पूजा करते है। पूजा के अंत  में प्रसाद वितरण करते है।

    उपसंहार :-

    दीपावली से जुड़ी अनेक पौराणिक  गाथाएं त्यौहार के महत्व को बढ़ा देते है। दीवाली का त्यौहार जीवन में उमंग और उत्साह बाहर देती है। असत्य पर सत्य की जीत की शिक्षा देती है। बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देती है।

    अंधकार में रोशनी की किरण दिखती है। ये दीपावली का त्यौहार हमें हमारे इतिहास से  रूबरू करती है। ये बताती है परिस्थिति कितनी भी विपरीत क्यों न हो, हमें डर कर उससे भागना नहीं चाहिए, बल्कि डटकर सामना करना चाहिए। क्योंकि जीत हमेंशा सच और अच्छाई की ही होती है।

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