Christmas Festival ईसाई का सबसे बड़ा त्यौहार है, ठीक उसी तरह जैसे हिंदुओं के लिए दिवाली है और मुस्लिम के लिए ईद। जिसे अंग्रेजी महीने दिसंबर के 25 तारीख को दुनिया के ईसाई बहुल देशों में मनाया जाता है।
जिसकी गूंज भारत में भी सुनने को मिलता है, क्योंकि भारत में भी ईसाई धर्म को मनाने वाले भी बहुत से लोग है। जिसके कारण धार्मिक सौहार्द रखते हुए इस दिन भारत में भी सरकारी अवकाश रहता है।
जिसे स्कूलों में सर्दियों की छुट्टी कहा जाता है। इन छुट्टियों में Christmas essay home work के रूप में जरूर मिलता है, जिसे पूरा करने मे हम आपकी मदद कर सकते है-
अनुक्रम
Christmas Essay in Hindi
हम यहाँ आपकी सुविधा के लिए तीन essay प्रस्तुत कर रहे है, जिसे आप अपनी क्लास के आधार उपयोग कर सकते है-
Christmas Essay (100 Words)
क्रिसमस दिवस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्यौहार है, जिसे पूरे दुनिया में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर इसे अमेरिकी महाद्वीप और यूरोप में पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन पूरा परिवार एकत्रित होते है।
क्रिसमस ट्री को रंग-बिरंगे लाइटस और फूलों से सजाया जाता है। जिसका पूरा परिवार परिक्रमा करता है। अंत में केक कटिंग करते है और इस त्यौहार को धूमधाम से पूर्ण करते है।
वही इन दिनों छुट्टियाँ होने के कारण परिवार पास के मौल और रेस्टुरेंट में जाते है, जहां वे पूरा दिन आनंदमयी तरीके से बिताते है। यह जश्न पूरे 1 जनवरी तक चलता है।
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Christmas Essay (200 Words)
साल के सबसे बड़े दिन 25 दिसंबर को ईसाइयों के भगवान यीशु मसीह की याद में मनाया जाता है। जिन्होंने मानवता की धर्म की संरक्षण के लिए खुद को हँसते-हँसते शूली पर चढ़ा लिए थे।
जिसे ईसाई धर्मालंबी एक ऐसे फेस्टिवल के तौर पर मनाते है, जिसमें परिवारों के मेल-मिलाना शामिल होता है। आखिर भगवान यीशु मसीह का यही अंतिम संदेश था।
जिसके कारण पूरे परिवार के लोग मिलकर इस दिन घरों की सफाई करते है, उसे रंग-बिरंगे लाइट और फूलों से सजाते है।
फिर वे पास के मोल जाते है, जहा फर या नोबल फर ट्री को खरीद कर लाते है। अगर ये नहीं मिलता है, वे आर्टिफ़िकल ट्री को खरीद लाते है।
फिर घर के हॉल में रखा जाता है, जहां सबसे ज्यादा खुली जगह होता है। फिर परिवार के बड़े सदस्य मिलकर फूल-मालायों, क्रिसमस गहनों और प्लांट्स से सजाया जाता है। वही शाम के समय क्रिसमस ट्री रंग-बिरंगा लगे, उसके लिए उसपर आधुनिक एलईडी लाइट्स और झालर लगाए जाते है।
फिर शाम के वक्त पूरा क्रिसमस ट्री के चारों ओर इकट्ठा होते है और साथ मिलकर इस पावन पर्व को मनाते है। जिसके के दौरान वे क्रिसमस प्रार्थना और गीत का गुणगान करते है। एक दिन के इस त्यौहार को 1 जनवरी तक मनाया जाता है।
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Christmas Essay (300 Words)
प्रस्तावना – मानव हमेशा से संरक्षणवादी और प्रगतिशील रहा है, जिसका सुचक है, उनका त्यौहार, जो शांति, भाईचारा, समृद्धि का प्रतीक रहा है। ऐसा ही कुछ त्यौहार है क्रिसमस दिवस, जो साल के अंत में जरूर आती है।
पर नए साले से ठीक पहले एक शानदार नई शुरुआत करने की सौगात देकर चली जाती है। ताकि हम अपने लक्ष्य को हासिल को अपनी जिंदगी और परिवार को खुशहाल बना सके।
क्रिसमस दिवस क्यों मनाया जाता है?
लगभग 2000 वर्ष पूर्व भगवान यीशु मसीह का जन्म मरियम और युसुफ के घर बेथलहेम में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उनकी माँ शादी से पहले ही ईश्वरीय प्रकोप से गर्भवती हो गई थी और युसुफ को शादी करने का सपना आया था।
खैर ईसा का जन्म यही हुआ। लेकिन उनको राजा हेरोद से खतरा था। इसलिए युसुफ ने उन्हें मिस्र ले गए। तब राजा हेरोद की मृत्यु हुई तो युसुफ नाथरेज गाँव में आ गए। जब वे 12 वर्ष के हुए तो येरूशलम में तीन तक मंदिरों में उपदेशक के बीच रहे। इस छोटी-सी उम्र में ही उन्होंने सभी सवालों का जवाब दिया। जिससे सभी चकित हो गए। तब वे अपने पिता के साथ पाने गाँव लौट आए और पिता से बढ़ई का काम सीख लिया। जिसे करने लगे।
लेकिन उनका मन उसमें नहीं रमा और भक्ति की तरफ चले गए। 30 की उम्र में यूहन्ना के साथ पानी डुबकी लगाई। फिर ईसा पर पवित्र आत्मा आया। 40 दिन के उपवास के बाद लोगों को शिक्षा देने लगे। दिनों-दिनों उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी।
जिससे और भी धर्म गुरुओं को जलन होने लगी। फिर उनपर झूठी लांछन लगाकर रोमन गवर्नर पिलातुस से उनकी शिकायत कर दी। फिर क्रूर गवर्नर ने उन्हें शूली पर चढ़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि शूली पर चढ़ते हुए ईसा मसीह ने सभी मानव का पाप खुद पर ले लिए थे, इसलिए जो उनपर विश्वाश करेगा, वह स्वर्ग में जाएगा।
खैर मृत्यु के तीन बाद ईसा जाग उठे और 40 दिन बाद सीधे स्वर्ग चले गए। तब ईसा के 12 शिष्यों ने इस धर्म के रूप में फैलाया, जिसे ईसाई धर्म कहा जाता है।
क्रिसमस दिवस कैसे मनाया जाता है
इस दिन घर को सजाया संवारा जाता है और घर में क्रिसमस ट्री को लाया जाता है। जिसे वे रंग-बिरंगे फूल-पट्टियों से सजाया जाता है। फिर शाम के वक्त पूरी फॅमिली एकत्रित होकर इस फेस्टिवल को मनाते है।
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उपसंहार
यीशु मानव जाति के सलामती के लिए खुशी-खुशी क्रूस पर चढ़ गए थे और सभी को मिल जुड़कर रहकर का संदेश दे गया। इसलिए इस खूबसूरत त्यौहार को धूमधाम से मनाया चाहिए और यीसु के मानव संदेश को दूसरों तक जरूर पहुंचाना चाहिए।