हाय बच्चों, कैसे हो आप। सबसे पहले मैं आपको बाल दिवस की ढेरों बधाइयाँ देना चाहता हूँ। उम्मीद करता हूँ, जिस तरह से आप अच्छा कर रहे हैं, वैसे करते हुए आप अपने annual exam में भी अच्छा करेंगे।
खैर अब आप बात करते है आपके current task की, जो है Children Day Speech है। क्या आप इस दिवस पर स्पीच देने वाले है तो आपको जरूर ये करना चाहिए, क्योंकि ये आपकी confidence boost-up करेगा, जो ultimately आपको personality को strong करेगा और पब्लिक में आपकी एक strong छवि बनेगी,
इसलिए आज मैं आपके लिए एक दिन, बल्कि चार स्पीच लेकर आया हूँ, जो हर क्लास के लिए suitable है। जिसमें कुछ छोटे या बड़े स्पीच है, यदि आपकी यादयास्त अच्छी है तो आप लंबे स्पीच को याद कर सकते है, और हाँ यदि आपके कुछ विचार हो तो इन स्पीच में जरूर जोड़े, जो आरिजिनल वाली feelings देगा-
अनुक्रम
Children’s Day Speech
मैं यहाँ जो चार स्पीच प्रस्तुत कर रहा हूँ, उसमें बेहद सिंपल शब्दों को use किया गया है, जिसके कारण बेहद आसानी से learn कर सकेंगे-
पहला बाल दिवस भाषण
आदरणीय प्रधानाध्यापक जी, अध्यापक गण और यहाँ मौजूद मेरे मित्रों, आप सभी को शुभप्रभात
आज हम सभी बाल दिवस मनाने के लिए यहाँ इकट्ठा हुए, जो बेहद खुशी की बात है। इस शुभ अवसर अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ।
हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे बच्चों से बेहद प्रेम करते है, इसलिए उन्हें चाचा नेहरू भी कहा जाता है। वे अपना फुर्सत का समय बच्चों के साथ बिताते थे, क्योंकि उनका मानना है कि बच्चे इस देश के भविष्य है। इसलिए उन्हें मूलभूत सुविधा के साथ शिक्षा भी मिले। इसका बेहद ख्याल रखते थे।
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हम बच्चों को भी उनकी बातों को मानना चाहिए, मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए और दूसरों की भी हेल्प करना चाहिए।
आप सभी ने मेरी स्पीच को बेहद ध्यान से सुने, उसके लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ।
दूसरा बाल दिवस भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, यहाँ उपस्थित सभी अध्यापकगण और मेरे सभी साथी, आप सभी को बाल दिवस पर शुभकामनाये
जैसा की आज हम सभी जवाहरलाल नेहरू के जन्मतिथि को बाल दिवस के रूप में मनाए जाने वाले शुभ अवसर पर एकत्रित हुए है। पर मैं पूछना चाहूँगा, आखिर इस दिवस का क्या मतलब है? इसका मतलब है…. बहुत बड़ा मतलब है। देश के भविष्य के माने जाने वाले हर बच्चे की सर्वागिन विकास से।
उन्हें जरूरी शिक्षा मिले, मूलभूत सुविधा और वातावरण मिले, जिससे हर बच्चे जागते हुए जो सपने देखते है या बनना चाहते है, वो बन सके और इस देश की विकास में अपना अमूल्य योगदान दे सके है।
बिलकुल जवाहर नेहरू की तरह, जिन्होंने अपने अंतिम सांस तक देश सेवा से पीछे नहीं हटे। इसलिए आज हमें उनसे जीवन के आदर्शों-नियमों को अनुसरण करना चाहिए। आज उन्हें ही याद करते हुए मैं अपनी स्पीच को यही विराम देना चाहता हूँ। मेरी स्पीच सुनने के लिए धन्यवाद!
तीसरा बाल दिवस भाषण
आदरणीय प्रधानाध्याक जी, यहाँ एकत्रित हुए सभी अध्यापकगण और सभी साथियों, सभी को मेरा प्रणाम
मुझे ये बोलते हुए बेहद हर्ष हो रहा है, आज उस महानपुरुष का जन्म दिवस मना रहे है, जिन्होंने हमारे नए देश के निर्माण में बड़ा योगदान दिया है।
इसके बावजूद भी उनका दिल किसी बच्चे के समान था, जिस वजह से वे ए पी जे अब्दुल कलाम की तरह उन महापुरुषों की श्रेणी में टॉप पर है, जो बच्चों के बीच बेहद पोपुलर रहे है।
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शायद वे जानते थे कि मेरे जाने के बाद इन बच्चों के कंधों पर इस देश का बागडोर होगा। इसलिए जितना हो सके, वे अपना अधिक से अधिक समय बच्चों के साथ बिताते थे, जिससे बच्चे एक देश सेवक की तपस्वी जीवन शैली को अच्छे से समझ सके और उनसे भी अच्छे नेतृत्व वाले बने।
इन्हीं विचारों से प्रेरित देश के पहले प्रधानमंत्री ने अपनी जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाने की इच्छा प्रकट की।
खैर उनकी देहांत के इतने साल होने के बाद भी आज के अध्यापक और पैरेंट्स की ज़िम्मेदारी बनती है कि वे चाचा नेहरू के सपने को साकार करे।
खैर यह कभी खत्म ना होने वाला सपना तब तक चलता रहेगा, जब तक सूरज-चाँद रहेगे। वही हम बच्चों का भी अहम कर्तयव्य है कि हम अच्छे से पढ़ाई करे, ताकि अपने फील्ड में अच्छा करके देश निर्माण में योदगन दे सके।
जिसके लिए मैं तत्पर हूँ। क्या आप है? इतना कहकर मैं अपना स्थान ग्रहण करना चाहता हूँ। आप सभी को धन्यवाद!
चौथा बाल दिवस भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण और सभी मेरे भाई-बहन, यहाँ उपस्थिती दर्ज करने के लिए धन्यवाद।
आप सभी को बाल दिवस की ढेरों बधाइयाँ, अब मैं इस पावन दिन पर अपने विचार व्यक्त करना चाहूँगा। हम करीबन कई दशकों से इस बाल दिवस मना रहे है, लेकिन क्या आज देश के सभी बच्चों को पूरी सुविधा मिलती है। जी नहीं, मूल सुविधा जैसे शिक्षा तो छोड़िए, उनसे उनका बचपन छिन लिया है।
जनगणना 2011 के अनुसार देश के 5-18 साल के 33 million बच्चे child labour है, जिसमें 80% गांवों से है। इनमे से भी ज़्यादातर school out, कुपोषित, कुंठित होते है।
वही सस्ते labour के नाम पर ज़्यादातर बच्चों के बचपन को खत्म कर दिया है, जिसके कारण वे जल्दी ही premature age में ही बड़े हो जाते है, जैसा की red light area में बच्चियों के साथ होता है। ये जल्दी बड़े तो हो जाते है, पर उनकी कोई खास अपनी पहचान नहीं बन पाती है।
जिसके कारण वे बड़े-बड़े सपने देखने की हिम्मत नहीं करते है। जबकि बड़े-बड़े सपने में ही देश सेवा भी आता है।
इस तरह उस बच्चे पर देश का कम ही सही resource खर्च तो हो रहा है, पर उनसे देश निर्माण में कोई योगदान नहीं मिल पाता है, जो चिंतनीय है, क्योंकि परिवार में एक आईएएस, कलेक्टर बनता है तो उसकी पूरी सात पुश्ते सुधर जाती है और वो जिस क्षेत्र में काम करते है, वहाँ विकास होता है।
यही सब चीज ये बच्चे नहीं कर पाते है। आज यहाँ जीतने भी बच्चे उपस्थित है, कल जाकर उनमे से कोई देश का बड़ा खिलाड़ी, singer, businessman, IAS, फौजी बनेगा, जो एक देश सेवा है।
क्या ये सभी उन बच्चों का अधिकार नहीं है?
सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा को फ्री किया है और Private School में 25% आरक्षण कमजोर आर्थिक बैक्ग्राउण्ड वाले बच्चों को दिया है।
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हम उम्मीद करते है सरकारी स्कूल के साथ प्राइवेट स्कूल अपनी कर्तव्यों का समुचित रूप से निर्वहन कर रहे होंगे।
वही हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम अपने आसपास ऐसे बच्चे को देखे तो उनसे मिले और उन्हें कोई चीज ना देकर tuition दे, जिससे शिक्षा की देवी उनके भाग्य को उज्ज्वल करे।
इस वक्त स्कूल जीवन में हमारे लिए इससे बड़ा कोई कर्तव्य नहीं हो सकता। साथ ही हम भी मन लगाकर पढे, यही चाचा नेहरू के जन्म दिवस का सबसे बड़ा गिफ्ट होगा।
इसलिए आज ही दोस्तों हमारे साथ संकल्प करों, मैंने जो बताया है, उसे आज ही करना शुरू करोंगे।
मेरी स्पीच सुनने के लिए धन्यवाद!
बच्चों आपको यह स्पीच कैसे लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बताए। साथ ही इस पोस्ट दोस्तों के साथ share करना ना भूले, ताकि वो अपना assignment कर सके।
Good Luck बच्चों! Happy Children Day