किसी ने सही कहा है, इस धरती पर सबकुछ मिलेगा, पर एक बार बचपन चला जाए तो आपको वो बचपन के सुख, मुस्कान, बचकानापन, मस्ती, मज़ाक किसी भी कीमत पर दुबारा हासिल नहीं कर पाएंगे।
इसलिए बच्चों आप इस बचपन में जितना हो सके, मस्ती करे। अपनी पसंद का गेम खेले। मोबाइल या वीडियो गेम नहीं, outdoor जैसे क्रिकेट, कब्बड़ी खेले।
इसी क्रम में हम आपके बाल दिवस को और भी मजेदार बनाने के लिए लाये है, Children’s Day Poem। जो बिलकुल नई है और शानदार है। आपको बहुत पसंद आएगी।
साथ ही हम आपको बताना चाहेंगे कि हम आपके लिए इस पोस्ट में Images भी शामिल कर रहे है, जो भी बेहद ही मनोरम और दर्शनीय है, जिसे आप जरूर शेयर करे-
तो चलिये शुरू करते है-
अनुक्रम
Children’s Day Poem in Hindi
#1.पक्की सड़कें, ऊंचे घर हैं चारो ओर मगर, बचपन की वो कच्ची गलियां भूल नहीं सकता।
मंहगी-मंहगी मोटर हैं, कारें हैं चारों ओर, पर वो घंटी वाली लाल साइकिल भूल नहीं सकता।
झूले वाले आ जाते हैं अक्सर यहां मगर, जाने क्यों वो पेड़ की डाली भूल नहीं सकता।
चाकलेट और टाफी के डिब्बे घर में रखे हैं फिर भी खट्टा मिट्ठा चूरन अपना भूल नहीं सकता।
मोबाइल ने बना दिया है सब कुछ बड़ा सरल, पर जाने क्यूं वो पोस्टकार्ड निराला भूल नहीं सकता।
सौ – सौ चैनल टीवी पर आते हैं रातो दिन, पर बुद्धवार का चित्रहार मै भूल नहीं सकता।
कम्प्यूटर पर गेम खेलना अच्छा लगता है, पर पोसम पा और इक्खल दुक्खन भूल नहीं सकता।
चाइना की पिचकारी ने मचा रखी है धूम बहुत, पर होली वाला कींचड़ फिर भी भूल नहीं सकता।
मोबाइल की घण्टी से खुल जाती है नींद मगर, चिड़ियों की वो चूं चूं चैं चैं भूल नहीं सकता।
बिग बाज़ार से लेकर आते मंहगे – मंहगे फल, पर बगिया की वो कच्ची अमिया भूल नहीं सकता।
सुपरमैन और हल्क की फिल्में अच्छी तो लगती हैं पर, चाचा चैधरी, बिल्लू, पिंकी भूल नहीं सकता।
बड़े ब्रैण्ड के जूते चप्पल चलते सालों साल मगर, सिली हुई वो टूटी चप्पल भूल नहीं सकता।
बनते हैं हर रोज़ यहां दोस्त नये अक्सर, पर बचपन की वो टोली अपनी भूल नहीं सकता।
बारिश में अब पापकार्न घर में ही मिलता है, पर भरभूजे की सोंधी लइया भूल नहीं सकता।
दोस्तों के संग वाटर पार्क जाता हूं मै अक्सर, पर गुड़िया के दिन की बड़ी नहरिया भूल नहीं सकता।
सोफे पर बैठे – बैठे जाने क्यूं लगता है मुझको, आंगन की वो टूटी खटिया भूल नहीं सकता।
पढ़ लिख कर मै आज सयाना क्यूं न बन जाऊं मगर, ट्यूशन वाले मास्टर जी को भूल नहीं सकता।
अब जेब में रहते पैसे हर दम, पर मां-पापा की दी हुई अठन्नी भूल नहीं सकता।
कुछ भी हो जाये जीवन में पर इतना निष्चित है मित्रों, मरते दम तक अपना बचपन भूल नहीं सकता।
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#2.चाचा नेहरु के जन्मदिन पर,
बाल दिवस है मनाया जाता
बाल दिवस लाता है खुशियों का त्यौहार
इसमें बच्चे पाते है बहुत ढेर सारा प्यार
नेहरु चाचा करते से हम बच्चो से प्यार
क्योकि बच्चो का दिन होता है पूरी तरह से साफ़
चाचा नेहरु का था सिर्फ एक ही सपना
पढने में आगे हो अपने देश का हर एक बच्चा बच्चा
क्योकि भारत के बच्चे है फ्यूचर इस देश के
एजुकेशन से होता कल्याण इनका
बाल दिवस के मौके पर सभी बच्चे को ये वादा है निभाना
चाचा नेहरु के सपने को सच करके है दिखाना…
#3.बचपन है एक खज़ाना , जो आता हैं ना दोबारा,
मुश्किल होता है इसको भुलाना!!
वो खेलना खुदना और खाना, मौज मस्ती में बलखाना,
वो माँ की ममता और पापा का दुलार, भुलाये ना भूले वो सावन की फुहार,
मुश्किल होता है इसको भुलाना!!
वो कागज़ की नाव बनाना और,वो बारिश में भीगना,
वो झूले झुलाना और मुस्कुराना, वो पतंगो का उड़ाना,
मुश्किल होता है इसको भुलाना!!
वो यारो की यारी में सब भूल जाना, और डंडे से गिल्ली को मारना,
वो अपने पढ़ाई से जी चुराना, और शिक्षक के पूछने पर अलग अलग बहाने बनाना,
मुश्किल होता है इसको भुलाना!!
वो पेपर में रट्टा लगाना, उसके बाद नतीजें के डर से बहुत घबराना,
वो दोस्तों के साथ साइकिल चलाना, वो छोटी छोटी बातो पर रूठ जाना,
मुश्किल होता है इसको भुलाना!!
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#4.फूलों के जैसे महकते रहो,
पंछी के जैसे चहकते रहों,
सूरज की भांति चमकते रहों,
तितली के जैसे मचलते रहों,
माता-पिता का आदर करो,
सुंदर भावों को मन में भरो,
ये है हमारी शुभ कामना,
ये बचपन हमेशा हँसता रहे
मुस्कुराता रहे…
बाल दिवस की शुभकामनाएं…
#5.बाल-दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
जगह-जगह पर मची हुई खुशियों की रेलमपेल ।
बरस-गांठ चाचा नेहरू की फिर आई है आज,
उन जैसे नेता पर सारे भारत को है नाज ।
वह दिल से भोले थे इतने, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से वे थे सदा जवान ।
हम उनसे सीखे मुसकाना, सारे संकट झेल ।
हम सब मिलकर क्यों न रचाए ऐसा सुख संसार
भाई-भाई जहां सभी हों, रहे छलकता प्यार ।
नही घृणा हो किसी हृदय में, नहीं द्वेष का वास,
आँखों में आँसू न कहीं हों, हो अधरों पर हास ।
झगडे नही परस्पर कोई, हो आपस में मेल ।
पडे जरूरत अगर, पहन ले हम वीरों का वेश,
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश ।
मातृभूमि की आजादी हित हो जाएं बलिदान,
मिट्टी मे मिलकर भी माँ की रक्खें ऊंची शान ।
दुश्मन के दिल को दहला दें, डाल नाक-नकेल ।
बाल दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
#6.नेहरू चाचा तुम्हें सलाम
अमन-शांति का दे पैगाम
जग को जंग से बचाया
हम बच्चों को भी मनाया
जन्मदिवस बच्चों के नाम
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम
देश को दी हैं योजनाएं
लोहा और इस्पात बनाए
बांध बने बिजली निकाली
नहरों से खेतों में हरियाली
प्रगति का दिया इनाम
नेहरू चाचा तुम्हें प्रणाम
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#7.चाचा नेहरु के जन्मदिन पर ,
बाल दिवस है मनाया जाता
बाल दिवस लाता है खुशियों का त्यौहार
इसमें बच्चे पाते है बहुत ढेर सारा प्यार
#8.नेहरु चाचा करते से हम बच्चो से प्यार
क्योकि बच्चो का दिन होता है पूरी तरह से साफ़
चाचा नेहरु का था सिर्फ एक ही सपना
पढने में आगे हो अपने देश का हर एक बच्चा बच्चा
#9.क्योकि भारत के बच्चे है फ्यूचर इस देश के
एजुकेशन से होता कल्याण इनका
बाल दिवस के मौके पर सभी बच्चे को ये वादा है निभाना
चाचा नेहरु के सपने को सच करके है दिखाना
#10.हर स्कूलों में भी होते हैं, नये नये आयोजन.
जिन्हेँ देख आनंदित होते, हम बच्चों के तन मन.
बाल दिवस के इस अवसर पर, एक कसम यह खाओ.
ऊँच नीच का भेद भुला कर, सबको गले लगाओ.
#11.सूरज निकला मिटा अँधेरा,
देखो बच्चों हुआ सवेरा.
आया मीठी हवा का फेरा,
चिड़ियों ने फिर छोड़ा बसेरा.
जागो बच्चों अब मत सोओ,
इतना सुंदर समय न खोओ…
#12.कितनी प्यारी दुनिया इनकी,
कितनी मृदु मुस्कान।
बच्चों के मन में बसते हैं,
सदा, स्वयं भगवान।
एक बार नेहरू चाचा ने,
बच्चों को दुलराया।
किलकारी भर हंसा जोर से,
जैसे हाथ उठाया।
नेहरूजी भी उसी तरह,
बच्चे-सा बन करके।
रहे खिलाते बड़ी देर तक
जैसे खुद खो करके।
बच्चों में दिखता भारत का,
उज्ज्वल स्वर्ण विहान।
बच्चे मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
बच्चे यदि संस्कार पा गए,
देश सबल यह होगा।
बच्चों की प्रश्नावलियों से,
हर सवाल हल होगा।
बच्चे गा सकते हैं जग में,
अपना गौरव गान।
बच्चे के मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
#13.चाचा नेहरु प्यारे थे
चाचा नेहरु प्यारे थे,
भारत माता के राजदुलारे थे!,
देश के पहले पधानमंत्री थे,
स्वतंत्रता के सैनानी थे!
अचकन में फूल लगाते थे,
हमेशा ही मुस्काते थे!
बच्चो से प्यार जताते थे!
चाचा नेहरु प्यारे थे!
देश विदेश यह घूमते थे,
बहुत सारी जानकारी प्राप्त करते थे,
फिर भी अपने देश से यह प्यार करते थे!
चाचा नेहरु राजकुमारे थे!
बच्चे इनको सदा प्यार से,
चाचा नेहरू कहते।
चाचाजी इन बच्चों के बीच,
बच्चे बनकर रहते है॥
एक गुलाब ही सब पुष्पों में,
इनको लगता प्यारा।
भारत मां का लाल यह,
सबसे ही था न्यारा॥
सारे जग को पाठ पढ़ाया,
शांति और अमन का।
भारत मां का मान बढ़ाया,
था यह ऐसा लाल चमन का॥
बाल दिवस की कविता|
#14.चाचा नेहरु का बच्चो से है बहुत पुराना नाता
जन्मदिन चाचा नेहरु का बाल दिवस कहलाता
चाचा नेहरु ने देखे से नवभारत के सपने
उस सपने को पूरा कर सकते है उनके अपने बच्चे
बाल दिवस के दिन हुम सभी बच्चे मिलकर गीत ख़ुशी के गायेगें
चाचा नेहरु के चरणों में फूल मालाये चढ़ायेगें!
शालाओं में भी होते है नये नये आयोजक
जिसको देख कर आनंदित होते है हम बच्चो के तन मन
बाल दिवस के इस पवन पर्व पर एक शपथ ये खाओ
ऊँच नीच का भेद भूलकर सबको गले लगाओ!
#15.बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल,
जगह-जगह पर मची हुई खुशियों की रेलमरेल!
जन्मदिन चाचा नेहरू का फिर आया है आज,
उन पर सारे भारत को है नाज!
वह भोले थे इतने, जितने हम हैं नादान,
हमेशा ही मन से वे थे जवान!
हम उनसे सीखे मुस्कुराना, सारें संकट झेल,
बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल!
नही घृणा हो किसी ह्रदय में, नही द्वेष का वास,
आँखों में आँसू न कहीं हो, हो अधरों पर हास!
हम सब मिलकर क्यों न रचाएं ऐसा सुख संसार,
भाई-भाई जहां सभी हो, रहे छलकता प्यार!
झगड़े नही आपस में कोई, हो आपस में मेल,
बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल!
पड़े जरूरत अगर, पहन ले हम वीरों का वेश,
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश!
मातृभूमि के हित के लिए हो जाएं बलिदान,
मिट्टी से मिलकर भी माँ की रक्खे ऊँची शान!
दुश्मन के दिल को दहला दे, डाल नाक-नकेल,
बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल!
Children Day Poem In English
#1.My childhood was fun,
Tough and exciting,
My childhood was one,
Where there wasn’t much fighting,
This is my childhood,
My childhood was filled,
With family and friend,
My childhood was filled,
With love and lots of happy holidays,
My childhood was filled,
With tricycles and bicycles,
My childhood is filled,
With lots of classwork and homework,
My childhood is filled,
With parents that don’t work,
And annoying loving brother and sisters,
This is my childhood,
My childhood is filled,
With a grandmother that was caring and loving,
When I left her, I was hurt,
But it’s for the best,
I remember the good and happy times,
We shared together,
This was my loving childhood,
That I will not forget,
This was my childhood.
#2.The greatest gift we will ever know
Is a child, born to love and grow.
Conception is a miracle in itself,
The start of new life and good health.
#3.Such a treasure your precious child is,
Who will thrive on every hug and kiss,
Hold them close and sign them songs,
They will only be a child for so long.
#4.They may not always smell pure an sweet,
A dirty diaper or a dampened sheet.
But with a loving cuddle and a beautiful smile,
The joys of parenthood are all worth while.
Thanks you Lord for our precious child.
#5.When to the garden of untroubled thought
I came of late, and saw the open door,
And wished again to enter, and explore
The sweet, wild ways, with stainless bloom inwrought,
And bowers of innocence with beauty fraught,
It seemed some purer voice must speak before
I dared to tread that garden loved of yore,
That Eden lost unknown and found unsought.
Then just within the gate I saw a child,
A stranger-child, yet to my heart most dear;
He held his hands to me, and softly smiled
With eyes that knew no shade of sin or fear:
“Come in,” he said, “and play awhile with me;
“I am the little child you used to be.”
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Best of Luck