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    Home»Journalist»अब मैं आज़ाद हूँ – अजित अंजुम की कहानी
    Ajit Anjum Biography in Hindi

    अब मैं आज़ाद हूँ – अजित अंजुम की कहानी

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    By Ravi Kumar on Feb 16, 2021 Journalist

    पत्रकार किसी भी समाज के सच्चे पहरी होते हैं जोकि बिना किसी धर्म और राजनैतिक पार्टी का समर्थन किए निष्पक्ष पत्रकारिता को अंजाम देते हैं। अजीत अंजुम पत्रकारिता जगत का एक ऐसा ही चर्चित नाम हैं जिनको पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए जाना जाता है।

    साथ ही इन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए साल 2010 में रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। ऐसे में आज हम आपके लिए पत्रकार अजीत अंजुम के जीवन की Biography लेकर आए हैं।

    अनुक्रम

    • Ajit Anjum Wiki
      • Quick Bio
      • Birth & Education
      • Journalism Career
      • पत्रकारिता जगत में उल्लेखनीय योगदान
      • हालिया कृषि आंदोलन में सक्रिय पत्रकारिता
      • YouTube Channel
      • Personal Life

    Ajit Anjum WikiAjit Anjum Biography in Hindi

    Quick Bio

    Name Ajit Anjum
    Caste Singh (Rajput)
    Father Ramsagar Prasad Singh
    Age 51
    Daughter Jiya
    Wife Gitashree
    Date of Birth April 7, 1969
    Birth Place Begusarai, Bihar
    Current Job Freelancing Journalist
    Salary NA
    Net Worth NA

    Birth & Education

    पत्रकार अजीत अंजुम का जन्म 7 अप्रैल वर्ष 1969 को बिहार राज्य के बेगूसराय जिले में हुआ था। इनके पिता रामसागर प्रसाद सिंह न्यायिक सेवा में कार्यरत थे।

    उनकी आरंभिक शिक्षा बेगूसराय और दरभंगा में संपन्न हुई थी और इसके बाद इन्होंने लंगट सिंह महाविद्यालय मुज्जफरपुर से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की।

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    Journalism Career

    पढ़ाई के दिनों से ही उनकी रुचि पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ गई थी। जिसके चलते उन्होंने सबसे पहले पाटलिपुत्र टाइम्स के लिए एक लेख लिखा था।

    इस दौरान उन्होनें अपना नाम अजीत कुमार से बदलकर अजीत अंजुम कर लिया था। इसके बाद वे मुंबई और दिल्ली से प्रकाशित होने वाली पत्र पत्रिकाओं जैसे धर्मयुग, दिनमान, रविवार और साप्ताहिक हिन्दुस्तान आदि में मुक्त लेखक के तौर पर लिखना शुरू किया।

    तद्पश्चात साल 1989 में उन्होंने दिल्ली में उत्तर भारत के तीसरे नंबर के सबसे बड़े अखबार अमर उजाला के साथ अपने पत्रकारिता करियर को आगे बढ़ाया।

    फिर कुछ समय बाद उन्होंने चौथी दुनिया और जनसत्ता के लिए लेख लिखना शुरू कर दिया। साल 1994 में उनके करियर ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में छलांग लगाई।

    इस दौरान वे सबसे पहले बीएजी फिल्म्स के साथ जुड़े और कई सारे चर्चित शो में प्रोड्यूसर के तौर पर कार्यरत रहे। जहां उन्होंने चर्चित टॉक शो रूबरू में निर्देशक के तौर पर कार्य किया है।

    साल 2007 में उनकी देख-रेख में ही न्यूज 24 चैनल की शुरुआत हुई। जहां वह कई साल तक प्रबंध संपादक रहे। इसके अलावा उन्होंने सीनियर प्रोड्यूसर के तौर पर करीब एक साल तक आज तक में और कई सालों तक इंडिया टीवी में बतौर सीनियर एडिटर भी कार्य किया।

    साथ ही उनको टीवी9 भारतवर्ष में अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए काफी प्रसिद्धि मिली। जहां इनका चर्चित शो राष्ट्रीय बहस काफी लोकप्रिय रहा, क्योंकि अपने शो के दौरान उन्होंने समय समय पर समाज के कई प्रभुत्व संपन्न लोगों के इंटरव्यू लिए।

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    पत्रकारिता जगत में उल्लेखनीय योगदान

    अजीत अंजुम को साल 2010 में बिहार के बाढ़ग्रस्त होने पर बेहतरीन न्यूज रिपोर्टिंग करने के लिए पत्रकारिता जगत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार रामनाथ गोयनका पुरस्कार से नवाजा गया था।

    इस दौरान उन्होंने न्यूज 24 पर ” राहत लेकर चलो बिहार ” नाम से बाढ़ ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए एक मुहिम चलाई। जिसके परिणास्वरूप सैकड़ों की संख्या में ट्रकों के माध्यम से राहत सामग्री बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाई गई।

    उपरोक्त सामाजिक चेतना संबंधी कार्य के लिए उन्हें फेम इंडिया मैगजीन के पचास प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया।

    इसके अलावा उनको साल 2017 में दुष्यंत स्मृति सम्मान से भी पुरस्कृत किया गया।

    वर्तमान में वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे YouTube, Facebook, Twitter और Instagram आदि पर काफी सक्रिय रहते हैं और समय-समय पर सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार सामने रखते रहते हैं।

    हालिया कृषि आंदोलन में सक्रिय पत्रकारिता

    हाल ही में लोकसभा द्वारा पारित कृषि बिल विवादों में चल रहा है। जिसके विरोध में किसान आंदोलन पर उतारू है। इसी आंदोलन के दौरान अजीत अंजुम ने अपनी निष्पक्ष पत्रकारिता का एक उत्कृष्ट नमूना प्रदर्शित किया।

    उन्होंने सिंधु बॉर्डर, गाजी बॉर्डर और दिल्ली हरियाणा से जुड़े बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों की असल समस्या को जनता के सामने रखा।

    इतना ही नहीं,  उन्होंने जनवरी की शीत लहर में किसानों द्वारा आंदोलन के दौरान किए जा रहे संघर्षों को बिना पक्षपात के कैमरे के सामने दर्शाया।

    किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने सरकार और किसानों के मध्य उपजे विवाद की असल वजहों को चिह्नित करके मध्यस्थता की भूमिका को बखूबी निभाया।

    YouTube Channel

    वर्तमान में अजीत अंजुम एक मशहूर एंकर, लेखक और संपादक के तौर पर जाने जाते है और पत्रकारिता के क्षेत्र में साल 1989 से अब तक कार्यरत है। अभी वर्तमान में वे अपने Ajit Anjum Youtube Channel से Freelancing Journalism कर रहे है।

    जब उन्होंने टीवी9 भारतवर्ष से नाता तोड़ा। तब उनका यह ट्वीट काफी लोकप्रिय हुआ कि “अब मैं आज़ाद हूं, तमाम बंदिशों और पाबंदियों से… मेरा ताव मुझे यह सब झेलने की इजाजत नहीं दे रहा था” ऐसे में अजीत अंजुम उन पत्रकारों में से एक हैं जो सदैव ही सच को जनता के सामने रखते है और प्रत्येक मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं।Ajit Anjum Tweet

    Personal Life

    उन्होंने अपने जीवनसाथी के तौर पर जानी मानी साहित्यकार गीता श्री को चुना। जिन्हें भी रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम जिया है। फुर्सत के पल में वे रसोई में कूकिंग करने का शौक पूरा करते है।

    Author – मैं अंशिका जौहरी अपने स्कूल के दिनों से ही मुझे सामाजिक मुद्दों पर लिखना और बोलना काफी पसंद था।वर्तमान में मैं Gurukul99 की टीम के साथ कार्यरत हूं। जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान युवा पीढ़ी को सनातन धर्म से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराना है।

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